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बाड़मेर. जिले में गर्मी बढऩे पर पशुओं का विशेष ध्यान रखने की सलाह पशुपालन विशेषज्ञों ने पशुपालकों को दी है। कृषि विज्ञान केन्द्र दांता बाड़मेर के पशुपालन विशेषज्ञ बी.एल.डांगी ने बताया कि मई और जून में तापमान ४५ से ४९ डिग्री तक पहुंच जाता है।

इसका असर यहां के पशुओं गाय, भैंस, भेड़, बकरी, ऊंट व मुर्गी पर पड़ता है। गमी में पशुपालक कुछ खास इंतजाम करते हैं तो पशुओं को फायदा हो सकता है।

उन्होंने बताया कि गर्मी में पशु अपना सिर निचा रखते हैं और मुंह खोलकर सांस लेते हैं।

मुंह से गिरने से खनिज लवणों का ह्रास होता है। पशुओं की पेशाब की मात्र कम हो जाती है। नाक, नथुने सुख जाते हैं, श्वास गति बढ़ जाती है व अंत में दुग्ध उत्पादन घट जाता है।

इस सब से बचाव के लिए पशुपालकों को पशुओं को चारा व दाना रात्रि में या शाम को छह-सात बजे के आस-पास और सुबह जल्दी पांच-छह बजे देना चाहिए, क्योंकि चारा खाने के बाद पशु के शरीर में ऊष्मा पैदा होती है।

दोपहर में चारा नहीं देना चाहिए। उन्होंने बताया कि पशुओ को अधिक से अधिक मात्रा में हरा चारा खिलाएं जिससे शरीर को खनिज तत्वों व पानी की पूर्ति होती रहे। पशु आहार में चालीस-पचास ग्राम नमक, चालीस-पचास ग्राम खनिज मिश्रण और विटामिन जरूर दें। पीने का पानी शुद्ध व शीतल हो। पशुओं को दिन में तीन-चार बार पानी जरूर पिलाएं। उन्होंने अन्य सलाह देते हुए पशुपालकों से पशुओं की देखभाल का आह्वान किया।

Source: Barmer News

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