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बाड़मेर. अब कोरोना सीमावर्ती जिले बाड़मेर के गांव-गांव और शहरों में चिंता बढ़ा रहा है। बढ़ते आंकड़ों के साथ हरके की चिंता बढ़ चुकी है।

बाड़मेर शहर के आसपास के गांवों से लोग अब शहर आने में परहेज कर रहे हैं तो शहर में भी बड़े-बुजुर्ग बच्चों को घर से नहीं निकलने की नसीहत दे रहे हैं। जरूरी होने पर घर से निकलने से पहले खाने-पीने के साथ मास्क लगा कर रखने की सलाह परिवार का हर सदस्य दे रहा है। वहीं, शादी समारोह से लोगों की बिना कहे ही दूरियां बढ़ गई है।

जिले में कोरोना पॉजिटिव केस में हो रही बढ़ोतरी के बाद सरकारी अस्पताल में बेड की कमी और आसपास बने आइसेलेशन वार्ड भी फुल होने के बाद अब चिंता हरेक को सता रही है। बाड़मेर के आसपास के गांवों से लोग अब शहर से दूरी बना कर रख रहे हैं। वहीं, गांवों में भी लोगों की आवाजाही कम होने लगी है। गांवों से शहर आने वाले वाहनों की तादाद अचानक कम हो चुकी है। निकटवर्ती हापों की ढाणी निवासी रतनसिंह के अनुसार आगामी कुछ दिन एक-दूसरे से मिलने से परहेज रखने पर ही कोरोना से बचाव हो सकता है।

उनके अनुसार जब बाड़मेर में बेड ही नहीं मिलेंगे तो इलाज कैसे हो पाएगा, एेसे में घरों में रहना ही बचने का बेहतर तरीका है। हासमखां रामदिया के अनुसार जरूरी होने पर ही बाड़मेर आ रहे हैं वरना घर व गांव में ही रह रहे हैं।

बच्चों पर बंधन, युवाओं को सीख- इधर, शहर में भी कोरोना चिंता बढ़ा रहा है। शहर की गलियों में बच्चों की आवाजाही पर रोक लग चुकी है। अधिकांश घरों में बच्चे बाहर नहीं निकल रहे। युवा जो जरूरी काम से घर से निकल रहे हैं उन्हें भी कोरोना संक्रमण से बचाव की सीख दी जा रही है। घर से निकलने से पहले खाना जरूरी खाने की सलाह दी जा रही है।

शादी समारोह से दूरी- अब कोरोना के चलते अधिकांश लोग शादी समारोह से दूरी ही बनाए हुए हैं। नजदीकी शादी होने पर ही जहां जरूरी है, वहां परिवार को एक-दो सदस्य जा रहा है। मेजबान भी निमंत्रण कार्ड देने से परहेज बरत रहे हैं।

Source: Barmer News

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