जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से यौन शोषण के आरोपी आसाराम बापू के अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई करते हुए गुरुवार को कोई राहत नहीं दी। हालांकि कोर्ट ने अपीलार्थी आवेदक की चिकित्सकीय रिपोर्ट देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर को उपचार जारी रखने के निर्देश दिए हैं।
न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ में लोक अभियोजक अनिल जोशी ने एम्स की रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि आसाराम बापू कोविड-19 संक्रमित है और वर्तमान में ऑक्सीजन पर है। उनके अन्य शारीरिक परीक्षण सामान्य पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अपीलार्थी आवेदक उपचाराधीन है और कोविड-19 प्रोटोकॉल को देखते हुए उन्हें उपचार के लिए अन्यत्र भेजना उचित नहीं है। खंडपीठ ने आसाराम बापू का एम्स, जोधपुर में उपचार संबंधित चिकित्सक एवं विशेषज्ञों की देखरेख में जारी रखने को कहा है। साथ ही लोक अभियोजक को 21 मई को अपीलार्थी आवेदक की नवीनतम मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। आसाराम की ओर से कहा गया कि वह कोविड और अन्य बीमारियों का उत्तराखंड स्थित प्रकाश दीप आयुर्वेदिक संस्थान में इलाज करवाना चाहता है। जोधपुर सेंट्रल जेल में तबीयत खराब होने पर आसाराम बापू को 5 मई को देर रात महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया था, जहां जांच में वे कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए। फेफड़ों में संक्रमण को देखते हुए उन्हें बाद में एम्स में रेफर किया गया, जहां वर्तमान में उनका उपचार चल रहा है। गौरतलब है कि स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो एक्ट) ने 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को मृत्यु आने तक आजीवन कारावास की सजा तथा उसके दो सहयोगियों शरद व शिल्पी को बीस-बीस साल की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट से दोनों सहयोगियों की सजा स्थगित हो चुकी है, जिसके बाद दोनों जमानत पर रिहा भी हो गए। आसाराम पर आरोप था कि उसने जोधपुर के निकट मनाई स्थित आश्रम में अपने गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा का अगस्त, 2013 में यौन उत्पीड़न किया था। लंबी ट्रायल के बाद स्पेशल कोर्ट ने आसाराम को दोषी पाया था। सजा के खिलाफ आसाराम ने जुलाई, 2018 में 44 पेज की अपील पेश की थी। शरद और शिल्पी ने भी अपनी सजा के खिलाफ अपील पेश कर रखी है।
Source: Jodhpur