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सेतरावा (जोधपुर). क्षेत्र की ग्राम पंचायत लालपुरा के राजस्व गांव जालपुरी गांव निवासी एक परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। इस कोरोना काल में घर परिवार चलाने वाला इस दुनिया को विदा कर गया। पीछे रह गई उनकी नाबालिग संतानें। अनाथ हुई संतानों का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है।

जालपुरी के रहने वाले देवी सिंह (56) पुत्र हीर सिंह की पत्नी जसू कंवर का वर्ष 2010 में किसी बीमारी के चलते निधन हो गया था। घर को संभालने वाली अपनी जीवन संगिनी के चल बसने के बाद छोटी छोटी संतानों को पालने का जिम्मा भी इस पर आ पड़ा था। इस बीच बीपी व शुगर जैसी बीमारियों ने इसको घेर लिया। फिर भी महाराष्ट्र में मजदूरी का काम करके घर परिवार चलाने लगा।

पिछले 2 साल से घर पर ही था। पुत्र सुरेंद्र सिंह (17), पुत्री किरण कंवर (15), पुत्र गिरधर सिंह (13) व जितेंद्र सिंह (10) का पालन पोषण का जिम्मा इसी पर था। इस बीच कोरोना की दूसरी लहर के बीच उसकी तबीयत नासाज हो गई। बीपी व शुगर का मरीज देवीसिंह बुखार की शिकायत के बीच अचानक 12 मई को इस दुनिया को छोड़कर चला गया।

पहले माता व अब पिता दोनों के इस दुनिया में नहीं रहने से 4 बच्चे अनाथ हो गए है। माता – पिता का साया सिर से उठने के बाद अब अन्य परिवारजन व आस पास के ग्रामीण उनको ढांढ़स बंधा रहे हैं।

इनका कहना है

देवी सिंह के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। उसके अचानक इस दुनिया से चले जाने पर अब परिवार में छोटे बच्चे ही रह गए हैं। बड़े बच्चे सुरेंद्र सिंह व बच्ची किरणकंवर ने स्कूल छोड़ दिया था। पुत्र गिरधर सिंह कक्षा सातवीं व पुत्र जितेंद्र सिंह कक्षा पांचवीं में पढ़ रहा है।

-शकूर खां, बीएलओ जालपुरी

Source: Jodhpur

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