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NAND KISHORE SARASWAT

जोधपुर. घर के आसपास का क्षेत्र प्रदूषणरहित हो और लोगों को शुद्ध और सात्विक वातावरण मिले इसी भावना के अनुरूप छह साल पहले पूरणसिंह ने एक छोटा सा प्रयास शुरू किया और देखते ही देखते बेहतरीन विशाल पेड़ों से आच्छादित एक पूरा उपवन तैयार कर दिया। वन विभाग से वर्ष 2015 में सेवानिवृत्त पूर्ण सिंह बनाड़ नांदड़ी क्षेत्र की सज्जन लीला विहार कॉलोनी में अपने निवास क्षेत्र के पास पार्क के लिए छोड़ी गई जमीन को हरा भरा करने की ठानी थी। लेकिन पार्क की जमीन पर ना तो कोई सुरक्षा दीवार थी और ना ही पानी का कोई इंतजाम था। लेकिन पर्यावरण संरक्षण के लिए बनाड़ क्षेत्र के साधक ने क्षेत्र को हरा भरा करने की दिन रात साधना शुरू की और 131 विशाल छायादार पेड़ तैयार कर दिए। कोरोनाकाल में विशाल घास का मैदान तैयार किया।

अब प्राकृतिक ऑक्सीजन स्थल

वन विभाग की नर्सरी से पौधे लाकर लगाना शुरू किया । देखते ही देखते रोपित किए गए पौधे जब पेड़ों में परिवर्तित होने लगे तो क्षेत्रवासियों को सुखद आश्चर्य हुआ और पूरणसिंह की मेहनत और लगन को देखते हुए उन्हें क्षेत्रवासियों का सहयोग भी मिलना शुरू हुआ। पूरणसिंह ने बताया कि खुली जमीन पर रोपित पौधों को मवेशियों से बचाव के लिए कंटीली झाडि़यों को काट कर पौधों को बचाना और घर व आसपास से पानी लाकर पौधों को पिलाने में खासी मेहनत करनी पड़ी। प्रकृति संरक्षण के पुनीत कार्य में पौधे लगाने की सही तकनीक का अनुभव होने का भी फायदा मिला और रोपित सभी पौधों को पेड़ के रूप में परिवर्तित होने पर एक एेसी सुखद अनुभूति होती है जिसकों बताना मुश्किल है। कोरोनाकाल में पूरे पार्क में हरी घास को पनपाने से पेड़ों से आच्छादित पार्क अब क्षेत्र के लोगों को ठंडी छाया के साथ नेचुरल ऑक्सीजन देने का स्थल बन चुका है। क्षेत्रवासियों के सहयोग से पार्क में पक्षियों के लिए चुग्गा घर व मंदिर बनने से लोगों को स्वच्छ हवा के साथ अध्यात्म से भी सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त हो रही है।

Source: Jodhpur

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