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बाड़मेर. जिले की सबसे बड़ी जामा मस्जिद में पहली बार किसी दूल्हे की निकाह हुई, वह भी महज 11 लोगों की मौजूदगी में इस्लामी रीति- रिवाज के साथ सादगी से।

शहर के शाही पेश इमाम हाजी लाल मोहम्मद सिद्दीकी ने पाली से आई बारात के दूल्हे मोहसिन की बाड़मेर की रुबीना बानो से निकाह कराई। खास बात है कि लड़की वालों की तरफ से किसी प्रकार का आयोजन नहीं किया गया। मस्जिद में ही बड़ी सादगी के साथ निकाह कराया गया।

कोरोना के मामले सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगाया हुआ है। ऐसे में शादी समारोह प्रतिबंधित है। कोविड प्रोटोकॉल का ख्याल रखते हुए पाली से दूल्हे मोहसिन पुत्र इकबाल मोहम्मद की बारात सिटी कोतवाली के पीछे चांद मोहम्मद पुत्र गुलाम मोहम्मद सिपाही के यहां आई थी। यहां लड़की के परिवार की ओर से किसी प्रकार का आयोजन न करने का फ़ैसला लेते हुए जामा मस्जिद में निकाह कराने की गुजारिश की। दुल्हन रुबीना बानो के चाचा अबरार मोहम्मद ने बताया कि कोरोना रोकथाम के लिए जारी सरकारी गाइडलाइन का पालन करना हर व्यक्ति का फर्ज है। इसी को ध्यान में रखते हुए कोई आयोजन नहीं किया गया।

अबरार ने कहा कि इस्लाम भी सादगी से शादी करने का हुक्म देता है। इससे दिखावटी एवं फिजूल खर्च नहीं होता। हर व्यक्ति को सादगी के साथ फिजूल खर्ची पर अंकुश रखते हुए शादी करनी चहिए।दूल्हे मोहसिन ने बताया कि पाली से एक वाहन में चार लोगों के साथ वह दुल्हन लेने पहुंचे हैं। कोरोना को देखते हुए सादगी से बिना बैंड, ढोल थाली के बारात लाए हैं।

जामा मस्जिद के पेश इमाम हाजी लाल मोहम्मद ने बताया कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत महज 11 लोगों दोनों पक्ष के मिलाकर की मौजूदगी में निकाह कराया गया है। उन्होंने कहा कि इंसानियत को बचाना इस वक्त बेहद जरूरी है। किसी प्रकार के भीड़भाड़ के आयोजन न करते हुए इस परिवार ने अच्छा सन्देश दिया है।

इस अवसर पर गुलाम मोहम्मद, शाह मोहम्मद सिपाही, गुलामनब्बी, वाजिद मोहम्मद, सईद मोहम्मद, अयूब मोहम्मद, पेंटर इदरीश, इकबाल मोहम्मद मौजूद रहे।

Source: Barmer News

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