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जोधपुर। इंदिरा गांधी नहर में अब तक के सबसे बड़े क्लोजर का समय पूर हुआ, लेकिन अभी राहत पूरी नहीं हुई है। महज एक तिहाई काम ही पूरा हुआ है। अगले दो साल भी ६०-७० दिन की नहरबंदी और पानी के लिए सजगता बनाए रखनी होगी। इसीलिए १० से १५ दिन में होने वाला २४ घंटे का शटडाउन भी जारी रहेगा।

इंदिरा गांधी नहर के पंजाब और राजस्थान के क्षेत्र में मरम्मत की मांग पिछले लम्बे समय से चल रही थी। पहली बार पंजाब के हिस्से में नहर की मरम्मत हुई। ६० दिन से समय तक नहरबंदी हुई, यह अब तक की सबसे लम्बी अवधि है। लेकिन यह काम इस साल ही पूरा नहीं होता। अभी अगले दो साल तक इसी प्रकार लम्बी अवधि की नहरबंदी होती रहेगी। एेसे में पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश जिलों में जहां नहर से पानी पहुंचता है वहां पेयजल प्रबंधन के लिए शटडाउन जारी रहेंगे।

यह प्रबंधन एक मॉडल बना
पिछले साल से अधिकतम ३० से ३५ दिन की नहरबंदी होती थी और इतने दिन का पानी राजीव गांधी लिफ्ट केनाल व शहर-गांव के जलाशयों में स्टोर कर पूरा किया जाता था। लेनिक पहली बार ६० से ७० दिन की नहरबंदी की तैयारी पिछले साल अगस्त में ही शुरू कर दी गई थी। पिछले १० माह में २५ शटडाउन लेकर करीब २०० एमसीएफटी पानी शहर में बचाया गया। गांवों में भी शटडाउन का यह मॉडल अपनाकर

जनता की आदत में आ गया
जल संकट के समय जनता ने भी सहयोग किया। शुरुआत में जब हर १५ दिन में शटडाउन होता था तो कुछ परेशानियां सामने आई। लेकिन इसके बाद मारवाड़ की जनता ने भी इसे अपना लिया है। अब १० से १५ दिन में एक बार २४ घंटे एेसे होते हैं जब पूरे शहर में पेयजल सप्लाई नहीं होती। इसे शेड़्यूल सप्लाई से एक दिन बार किया जाता है।

पानी बचाने की तैयारी
– १० माह पहले से बनाई योजना।
– २५ बार से अधिक शटडाउन लिया गया।
– ८-९ एमसीएफटी पानी एक शटडाउन में बचाया गया।
– २०० एमसीएफटी पानी कुल इन शटडाउन से शहर में बचा।
– ३०० एमसीएफटी से अधिक पानी कायलाना-तख्तसागर में स्टोर किया गया।
– यह २०-२५ दिन तक शहर में पेयजल सप्लाई के लिए पर्याप्त है।

इनका कहना …
सबसे बड़ी नहरबंदी में पेयजल मैनेजमेंट में जनता का सहयोग भी काफी सराहनीय है, इसके लिए आभार है। अभी दो साल तक और इसी प्रकार लम्बी अवधि तक नहरबंदी होगी। एेसे में शटडाउन आगे भी जारी रहेगा।
– नीरज माथुर, मुख्य अभियंता, पीएचइडी जोधपुर।

Source: Jodhpur

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