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बाड़मेर. कोरोना संकट के बीच नन्हें बच्चों को ना तो पोष्टिक आहार मिल रहा है और ना ही स्कू  ली बच्चों को गर्म पोषाहार। इसके चलते पिछले एक साल से बच्चे एक तरफ जहां घरों में कैद है तो दूसरी ओर संतुलित आहार से वंचित ।

जिले में आंगनबाड़ी से जुड़े करीब सवा दो लाख तथा स्कू  ल से जुड़े करीब सवा चार लाख बच्चों को अभी इंतजार है तो बस इतना कि कब सरकार पोष्टिक आहार की व्यवस्था सुचारू करेगी।जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों व सरकारी विद्यालयों में कक्षा पहली से आठवीं तक में अध्ययनरत बच्चों को संतुलित आहार मिलता है।

आंगनबाड़ी केन्द्रों पर जहां पूर्व में गर्म खाना मिलता था जिसके बाद बेबी मिक्स मिलने लगा। बेबी मिक्स में पोष्टिक होने ने बच्चे न केवल खा रहे थे वरन सेहद भी तंदुरुस्त हो रही थी। इधर, सरकारी विद्यालयों में कक्षा पहली से आठवीं तक की कक्षाओं के विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन दिया जाता था जिसमें गर्म खाने के साथ फल भी शामिल थे। लम्बे समय से चल रही यह व्यवस्था कोरोना संकट का दौर शुरू हुआ तो २१ मार्च २०२० में आंगनबाड़ी केन्द्र बंद कर दिए और स्कू  ल का संचालन भी रुक गया। एेसे में नन्हें बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं, किशोरी बालिकाएं व स्कू  ली विद्यार्थी पोष्टिक आहार से दूर हो गए। एक साल से अधिक समय हो चुका है बावजूद इसके अभी तक न तो आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बेबी मिक्स शुरू हुआ है और न ही स्कू  लों में मिड डे मील। इसका असर बच्चों की सेहद पर पड़ सकता है जिनको लम्बे समय से पोष्टिक आहार नहीं मिल रहा। गौरतलब है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर २५२४६७ बच्चे व महिलाएं लाभान्वित हो रहे हैं तो मिड डे मील से सवा चार लाख बच्चे।

सूखा खाद्यान ही वितरित- लम्बे समय तक आंगनबाड़ी केन्द्रों व स्कू  ल में मिड डे मील बंद रहने के बाद सरकार ने सूखा खाद्यान देने का निर्णय किया। जिस पर बच्चों को गेहूं, चावल, दाल आदि मिल रहा है। वहीं, स्कू  लों में दाल के साथ तेल, मिर्च मसाले वाला कोम्बो पैक दिया गया। वर्तमान में वहां भी गेहूं, चावल ही दिए जा रहे हैं। यह आहार बच्चों के परिजन को बांटा जा रहा है।

स्वास्थ्य जांच भी रुकी- पूर्व में जहां आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों की स्वास्थ्य जांच होती थी तो स्कू  ल में भी समय-समय पर चिकित्सा टीम बच्चों के स्वास्थ्य जांच करती थी। इसके बाद कुपोषित बच्चों की जानकारी मिल जाती थी। वहीं, बच्चों के स्वास्थ्य के आधार पर इलाज भी हो जाता था, लेकिन अब बच्चों के आने पर रोक होने से यह कार्य भी रुका हुआ है।

सूखा खाद्यान वितरित– आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अभी सूखा खाद्यान दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के आने पर रोक है इसलिए स्वास्थ्य जांच नहीं हो रही।- प्रहलादसिंह राजपुरोहित, उप निदेशक, आइसीडीएस बाड़मेर

सरकार का निर्णय- कोरोना के चलते स्कू  ल बंद होने से मिड डे मील नहीं बन रहा। सरकार ने गेहूं, चावल आदि सूखा खाद्यान देने के निर्देश दिए थे जिसको बांटा गया है। कोम्बो पैक भी वितरित किए थे।- रामाराम, प्रभारी मिड डे मील बाड़मेर

Source: Barmer News

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