बाड़मेर. जिले में पिछले कुछ दिन से कोरोना केस में कमी आने से थार को राहत मिली है। कभी पांच सौ का आंकड़ा पार कर चुके जिले में अब पचास से कम कोरोना पॉजिटिव मरीज आना सुखद संकते है। इसके जहां एक तरफ आमजन राहत महसूस कर रहा है तो लगातार भागदौड़ कर रहा प्रशासन, चिकित्सा महकमा भी अब थोड़ा राहत में है।
हालांकि अभी भी सख्ती की जरूरत है जिससे कि कोरोना का डर यहां से खत्म हो जाए। कोरोना वैश्विक महामारी का दूसरा दौर जिले में कहर बन कर टूटा। करीब १६ हजार लोग कोरोना की चपेट में आए। इस दौरान मौत का आंकड़ा भी बढ गया। कोरोना मरीजों की बढ़ती मौत, अस्पताल में कम पड़ते बेड और पॉजिटिव की तादाद चिंता का विषय बन गई।
इस दौरान टीकाकरण के साथ पर्याप्त साधन की उपलब्धता को लेकर प्रशासन, चिकित्सा महकमे ने काफी जद्दोजहद की। बावजूद इसके एक दिन में पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा पांच सौ के पार हुआ तो हर थारवासी चिंतित नजर आया, लेकिन अब यह चिंता कुछ कम हुई है।
क्योंकि पिछले एक सप्ताह से आंकड़ा कम हो रहा है। शनिवार को मात्र तीस कोरोना मरीज ही जिले में मिले जबकि शुक्रवार को २३ मरीज ही मिले थे। इससे पहले भी पांच दिन में आंकड़ा पचास के आसपास ही रहा है।
अस्पताल को भी राहत- कोरोना पॉजिटिव मरीजों की घटती तादाद से राजकीय अस्पताल में भी राहत मिली है। यहां बेड खाली होने के साथ स्टाफ को भी थोड़ा सुकू न मिला है। हालांकि अभी भी कई मरीज वेंटिलेटर पर है तो कुछ लम्बे समय से उपाराधीन है। बावजूद इसके नए मरीज कम आना अस्पताल प्रशासन के लिए राहत की बात है।
जनजागरूकता का असर- कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद लोगों में भी जागरूकता आई। विशेषकर मास्क लगा कर रखने और अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलने पर कोरोना ग्राफ घटा है। शहर में भी लोगों की आवाजाही अपेक्षाकृत कम नजर आती है। बावजूद इसके अभी भी सजगता नहीं रखने पर स्थिति खराब होने की चिंता जरूर है।
कम हो रहे केस पर लापरवाही नहीं बरतें– पिछले कुछ दिनों से कोरोना के केस जिले में कम हो रहे हैं, जो राहत की बात है। बावजूद इसके आमजन से अपील है कि वे लापरवाही ना बरतें, क्योंकि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। चिकित्सा महकमा प्रशासन के साथ मिलकर टीकाकरण कर रहा है, लेकिन वैक्सीनेशन के बाद भी आमजन कोरोना गाइडलाइन की पालना अवश्य करें।– डॉ. बी एल मंसुरिया, पीएमओ राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर
Source: Barmer News