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बाड़मेर. कृषि विज्ञान केन्द्र गुड़ामालानी की ओर से गांव पालियाली में बाजरे की संकर उन्न्त किस्म पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विषय विशेषज्ञ डॉ. बाबूलाल जाट ने कहा कि वातावरण में हो रहे बदलाव को देखते हुए कम समय एवं कम पानी वाली किस्मों को लगाने की जरूरत है जिससे कि अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सके।

जिले में जहां 80 प्रतिशत कृषि बरसात पर आधारित है उस परिस्थिति में ऐसी किस्मों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि किसानों को उचित समय पर तथा उपयुक्त किस्मों का उपयोग करते हुए फसल की लागत को कम करना है जिससे प्रति हैक्टेयर मुनाफा बढ़ सके।

केन्द्र के डॉ. हरि दयाल चौधरी ने बताया कि जायद में बोये जाने वाले इस बाजरे से किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। साथ ही उच्च गुणवता का बीज प्राप्त हो सकेगा।

उन्होंनेे किसानों को नवीन तकनीक पर जोर देने की बात कहते हुए कहा कि वातावरण में हो रहे बदलाव एवं समय के अनुसार नवीन तकनीकी को अपनाना चाहिए जिससे ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त किया जा सके।

Source: Barmer News

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