NAND KISHORE SARASWAT
जोधपुर.अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं गुरुवार को वट सावित्री व्रत रखेगी। इस मौके पर महिलाएं वट (बरगद) वृक्ष के पूजन और व्रत के माध्यम से अखंड सुहाग व संतान के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है। ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या को यह पर्व इस बार शनि जयंती और सूर्यग्रहण के संयोग से और भी अधिक प्रभावी रहेगा। वट सावित्री व्रत का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों स्कंद पुराण व भविष्योत्तर पुराण में भी विस्तार से मिलता है। व्रत के साथ सति सावित्री और सत्यवान की कथा जुड़ी है जिसमें सावित्री ने अपनी चतुराई, श्रद्धा और संकल्प से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस प्राप्त किए थे। ज्योतिषाचार्य डॉ चंद्रकांत के अनुसार ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का निवास होता है। वटवृक्ष पवित्र, विशाल और दीर्घायु होता है इसलिए महिलाएं अपने पति के स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए इसकी पूजा करती है।
चतुग्र्रही योग भी
सावित्री व्रत के दिन वृषभ राशि में सूर्य, चंद्रमा, बुध और राहु विराजमान रहेंगे। इसलिए इस बार वट सावित्री व्रत के दिन चतुग्र्रही योग बन रहा है। शुक्र को सौभाग्य व वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस योग में व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और पारिवारिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।
Source: Jodhpur