बाड़मेर. कोरोना के चलते सरकार ने दसवीं व बारहवीं बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित कर सत्रांक के आधार पर नम्बर देने का निर्णय तो कर लिया, लेकिन नम्बर किस आधार पर दें इसको लेकर विद्यालय प्रबंधन की परेशानी बढ़ गई है। पूर्व में सत्रांक के बीस अंक जाते थे जिसका आधार टेस्ट, अद्र्धवार्षिक परीक्षा, उपस्थिति, अनुशासन, प्रोजेक्ट आदि होते थे लेकिन इस बार ना तो परीक्षा हुई न ही प्रोजेक्ट बने। एेसे में बीस अंक का निर्धारण करें भी तो कैसे?
वहीं, नम्बर बीस में से भेजे जाने से एक ही नम्बर पर सैकड़ों विद्यार्थी हो जाएंगे जिस पर वरीयता का आधार क्या होगा यह भी तय नहीं हो पा रहा है। इसके चलते २१ लाख अभ्यर्थियों का मूल्यांकन करना विद्यालयों के लिए टेढ़ी खीर बन गया है।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने बोर्ड परीक्षा 2021 के कक्षा 10वीं व 12वीं के नियमित विद्यार्थियो के संत्राक भिजवाने के संबंध में सभी संस्था प्रधानों व जिला शिक्षा अधिकारियों के नाम एक पत्र जारी करते 21 जून तक सत्रांक भिजवाने की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। आदेश् के अनुसार बोर्ड साइट पर रोल नम्बर जारी कर दिए हैं। 21 जून को सत्रांक भरने के लिए साइट खोली जाएगी। 21 जून से 28 जून तक बोर्ड साइट पर ऑनलाइन इंटरनल माक्र्स (सत्रांक ) भरवाए जाएंगे। लेकिन अभी तक सत्रांक किस आधार पर देने है इस संबंध में कोई गाइडलाइन सार्वजनिक नहीं की है। पूर्व में विद्यालय स्तर पर होने वाले 3 टेस्ट व अद्र्धवार्षिक परीक्षा, उपस्थिति व प्रोजेक्ट कार्य व अनुशासन के आधार सत्रांक के नम्बर भेजे जाते थे, लेकिन इस बार कोरोना के चलते पूरे सत्र में न तो स्कू लों का संचालन हुआ न ही प्रोजेक्ट बनाए गए।
यह है सत्रांक अंक विभाजन– दस-दस अंक के तीन परख व ७० अंक की अद्र्धवार्षिक परीक्षा के 100 अंक होते हैं। इसका दस फीसदी यानि दस अंक सत्रांक में दिए जाते हैं। जिस विद्यार्थी में सौ में से जितने अंक आते हैं, उसकी दस फीसदी सत्रांक में भेजा जाता है। प्रोजेक्ट कार्य के 5 अंक, उपस्थिति के 3 अंक, अनुशासन के 2 अंक मिला कर कुल बीस अंक होते हैं, लेकिन इस बार कोई भी टेस्ट व परीक्षा का आयोजन भी नहीं किया गया। ऐसे में क्या आधार होगा यह तय नहीं हो पा रहा है।
21 लाख विद्यार्थी होंगे प्रमोट- सरकार के दसवीं और बारहवीं बोर्ड में विद्यार्थियों के प्रमोट करने के निर्णय पर प्रदेश में २१ लाख विद्यार्थियों को सत्रांक के आधार पर नम्बर दिए जाएंगे। नौ लाख विद्यार्थी बारहवीं व १२ लाख दसवीं बोर्ड की परीक्षा में सम्मिलित होने थे जिनको अब बिना परीक्षा के ही क्रमोन्नत किया जाएगा।
गृहकार्य के आधार पर हो सत्रांक योजना- इस बार विद्यालय स्तर पर कोई परीक्षा नहीं हुई थी। ऐसे में विद्यर्थियों के पास केवल मात्र गृहकार्य व कक्षाकार्य की उत्तरपुस्तिकाएं है। उसी के आधार पर सत्रांक दिए जा सकते हैं। बाकी बोर्ड की गाइडलाइन का इंतजार करना पड़ेगा। -बसंतकुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा
Source: Barmer News