NAND KISHORE SARASWAT
जोधपुर. भवसागर से पार लगाने व मोक्षदायिनी गंगा मैया के धरती लोक पर अवतरण का पर्व गंगा दशहरा इस साल रविवार 20 जून को मनाया जाएगा। पुराणों के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को हस्त नक्षत्र में गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। ज्योतिषियों के अनुसार इस पर्व पर ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति बनेगी। सूर्य और चंद्रमा मंगल की नक्षत्र में रहेंगे। चंद्रमा पर मंगल और गुरु की दृष्टि पडऩे से महालक्ष्मी और गजकेसरी राजयोग का फल भी मिलेगा। इसलिए ये पर्व खास रहेगा। इस दिन गायत्री जयंती भी रहेगी। हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन विधि- विधान से मां गंगा की पूजा- अर्चना की जाएगी। इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से घर में रहकर ही मां गंगा की पूजा- अर्चना की जाएगी। मंडोर के आगे स्थित बेरीगंगा तीर्थ में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन शर्बत, पानी, मटका, पंखा, खरबूजा, ऋतु फल चीनी आदि चीजें दान करने की परम्परा है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि घर के मंदिर में गंगा मैया का ध्यान कर जल का छिड़काव, आरती व भगवान शंकर की आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरा मुहूर्त
दशमी तिथि आरंभ-19 जून को शाम 6.50 बजे
दशमी तिथि समाप्त-20 जून को शाम 4. 25 बजे
Source: Jodhpur