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NAND KISHORE SARASWAT

जोधपुर. राज्य के पर्यावरण एवं वनमंत्री सुखराम विश्नोई ने शुक्रवार को वनकर्मियों व संभाग के वन मंडल अधिकारियों की बैठक में वन्यजीव शिकार प्रकरणों में बरती जा रही कोताही पर अधिकारियों व जांच करने वाले रेंजर्स की ढिलाई पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए लताड़ लगाई। वनमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक से शिकार प्रकरणों की न्यायालय में समय पर परिवाद पेश नहीं करने से वन्यजीव अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने वन अपराधों पर नकेल कसने के लिए नियमित रूप से गश्त शुरू करने व नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। उन्होंने एक माह के भीतर प्रगति रिपोर्ट पेश करने और बकाया सभी वन्यजीव शिकार प्रकरण के परिवाद पूर्ण करने भी निर्देश दिए। वन मंत्री जोधपुर संभाग व रेंज के सभी बकाया वन अपराध प्रकरणों की पत्रवालियां व प्रकरण दर्ज होने वाले सभी रजिस्टर मंगवाए और खुद ने जांच कर दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने मंडोर विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच रिपोर्ट बरसों से पेंडिंग होने पर अधिकारियों को बरेली आइवीआरआई अथवा अन्य वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश दिए।

साहब रेंजर ही नहीं क्या करें
वनमंत्री ने वनविभाग के उपवन संरक्षक वन्यजीव महेश चौधरी से माचिया जैविक उद्यान के वन्यजीवों के हालात पूछे तो वनमंत्री के पास बैठे मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव हनुमानराम ने कहा कि वन्यजीव मंडल में पूरे जिले में ना तो एसीएफ हैं और ना ही रेंजर्स। इसी माह उपवन संरक्षक भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में स्थिति विकट हो जाएगी।

पिछले सालों में हुए पौधरोपण की मांगी प्रगति रिपोर्ट

वनमंत्री ने जोधपुर संभाग में जहां-जहां पिछले चार पांच साल में विभागीय पौधरोपण किया गया वहां की प्रगति और स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने 1 अगस्त से घर-घर औषधि पौधे वितरण के लिए व्यापक कार्य योजना बनाकर पंचायतों तक पहुंचाने और आमजन को उसके महत्व को समझाने के भी निर्देश दिए।

Source: Jodhpur

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