जोधपुर। मानसून की रफ्तार पर लगे ब्रेक का असर खेत-खलिहानों पर भी दिखने लगा है। बारिश के इंतजार में अभी जिले में खरीफ की आधी बुवाई भी नहीं हो सकी है। जहां बुवाई हो गई है, वहां बारिश नहीं होने से फसले जलने का खतरा मंडराने लगा है। कृषि विभाग ने १२.५५ हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई का लक्ष्य रखा है, लेकिन अनुकूल परिस्थितियां नहीं बनने से मानसून आगे नहीं बढ़ पा रहा और किसानों का इंतजार लम्बा होता जा रहा है।
इधर, अभी एक सप्ताह तक मानसून आने के मौसम विभाग के पूर्वानुमान ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसानों का कहना है कि बारिश में देरी के कारण मूंग और मूंगफली की बुवाई का रकबा घटने की आशंका खड़ी हो गई है। हालांकि ग्वार व मोठ का रकबा बढ़ सकता है।
बढ़ा पारा झुलसा रहा फसलें
तापमान बढऩे से मानसून पूर्व की बरसात से बोई गई कपास, बाजरा व मूंग की फ सलें झुलसने का खतरा मंडराने लगा है। सिंचित क्षेत्र की फ सल कपास में भी ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता पड़ रही है, लेकिन बिजली सप्लाई में कम वोल्टेज, ट्रिपिंग व कटौती किसानों पर भारी पड़ रही है।
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खरीफ सीजन का बुवाई लक्ष्य
फसल — बुवाई लक्ष्य
बाजरा — 4.00
मूंग — 3.02
मूंगफ ली — 1.56
कपास — 0.65
ज्वार — 0.40
तिल — 0.28
मोठ — 0.90
अरंडी — 0.23
ग्वार — 0.35
अन्य — 0.16
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कुल – 12.55 हैक्टेयर
इनका कहना…
मानसून पूर्व की बरसात से बाजरा व कपास की बिंजाई की थी, अब बारिश में देरी व तापमान बढऩे से इन फसलों को नुकसान की आशंका है।
-श्रवण भादू, प्रगतिशील किसान, जुड़
Source: Jodhpur