जोधपुर.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बाड़मेर जिले की सेड़वा तहसील के सालारिया गांव में नरेगा श्रमिकों को मजदूरी देने के बदले चार हजार रुपए रिश्वत लेने पर सरपंच पुत्र व उसके परिचित को गिरफ्तार किया। दलाल के सांचौर होने पर सरपंच पुत्र ने सीधे ही रिश्वत ली थी।
ब्यूरो के उप महानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत ने बताया कि सेड़वा तहसील में ग्राम पंचायत सालारिया निवासी मोहम्मद हनीफ पुत्र अबदाद खां की शिकायत पर गांव के सरपंच पुत्र रमजान खान पुत्र खबड़ खान और परिचित सुमार खान पुत्र शेर खान को चार हजार रुपए रिश्वत लेने पर एसीबी बाड़मेर के निरीक्षक मुकनदार ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। दलाल भुट्टा खान की भूमिका की जांच की जा रही है।
प्रति सदस्य मांगे थे 13 सौ रुपए, 26 सौ ले चुका
निरीक्षक मुकनदान ने बताया कि मोहम्मद हनीफ के परिवार के छह सदस्यों के नाम ग्राम पंचायत सालारिया के नरेगा सूची में हैं। प्रत्येक सदस्य की एक सप्ताह की मजदूरी 2616 रुपए बनी थी। मजदूरी का भुगतान करने के लिए सरपंच पुत्र ने दलाल भुट्टा खान के मार्फत प्रति सदस्य 1300 रुपए रिश्वत मांगी थी। बहनोई लूणा खां व उसके भाई आचार खां ने अपने हिस्से के 1300-1300 रुपए रिश्वत दे दी थी। शेष चार कासम खां, सारा, विलायत व रबीना के हिस्से के 5200 रुपए मांगे जा रहे थे। इसके लिए सरपंच पुत्र ने दलाल के मार्फत दबाव डालना शुरू किया। ऐसा न करने पर सरपंच पुत्र ने अगले सप्ताह के लिए परिवारिक सदस्यों के नाम नरेगा पेमेंट में नहीं लिखने की धमकी भी दी थी। इसकी शिकायत मोहम्मद हनीफ से एसीबी से की। 3 जून को गोपनीय सत्यापन कराया गया तो सरपंच के चार हजार रुपए मांगने की पुष्टि हुई थी। तब रविवार को उसने रिश्वत राशि देने के लिए भुट्टा खां से सम्पर्क किया, लेकिन वह सांचौर गया हुआ था। तब मोहम्मद हनीफ ने सरपंच पुत्र रमजान खान को घर जाकर चार हजार रुपए रिश्वत दिए। जो उसने वहां मौजूद परिचित सुमार खान को दे दिए। तभी एसीबी के निरीक्षक मुकनदान ने दबिश देकर दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
Source: Jodhpur