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जोधपुर. भारत और पाकिस्तान के मध्य वर्ष १९७१ में हुए युद्ध में भारत की विजय की ५०वीं वर्षगांठ पर दिल्ली से शुरू हुई स्वर्णिम विजय मशाल शनिवार रात आठ बजे अजमेर से जोधपुर पहुंच गई। रविवार से चार दिनों तक जोधपुर में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। रविवार को यह मशाल मेहरानगढ़ और उम्मेद भवन ले जाई जाएगी। इसके बाद मिलिट्री स्टेशन के अंदर कुछ कार्यक्रम हैं। मुख्य कार्यक्रम सोमवार सुबह मिलिट्री स्टेशन स्थित युद्ध स्माकर पर होगा, जहां सेना के अधिकारियों के साथ सिविल अधिकारी, युद्ध सैनानी और पूर्व सैनिक शामिल होंगे। इसके बाद यह मशाल शहर और गांव में कुछ चुङ्क्षनदा युद्धवीरों के घर जाकर उनके घर की मिट्टी लाई जाएगी। यह मिट्टी मशाल के साथ दिल्ली जाएगी।
अजमेर से आई जोधपुर, इसके बाद जैसलमेर

दिल्ली से गत १६ दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्ध स्माकर पर स्वर्णिम विजय मशाल की ज्योति जलाई थी। वहां से ४ मशालें देश के विभिन्न हिस्सों के लिए रवाना की गई। दक्षिणी कार्डिनल विजय मशाल इसी गुरुवार को अजमेर मिलिट्री स्टेशन पहुंची, जहां तीन दिन रहने के बाद जोधपुर आई है। आठ जुलाई को यह जैसलमेर के लिए रवाना हो जाएगी। मशाल दो महीने तक राजस्थान व गुजरात में रहेगी। यात्रा पूरी होने पर विजय मशाल अंतिम समारोह के लिए नई दिल्ली लौटेगी।

Source: Jodhpur

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