NAND KISHORE SARASWAT
जोधपुर. देवशयन एकादशी व चातुर्मास शुरू होने के कारण 18 जुलाई से मांगलिक कार्यक्रम थम जाएंगे। शुभ ग्रहों के अस्त रहने पर विवाह अनुष्ठान रुक जाते हैं और उदय होने पर विवाह आरंभ होते हैं। अब जुलाई में केवल तीन दिन ही विवाह मुहूर्त बचे हैं। इसके बाद कुंआरों को 119 दिनों बाद देवउठनी एकादशी तिथि तक इंतजार करना होगा। शादी समारोह के लिए जुलाई में भड़ल्या नवमी का विशेष अबूझ मुहूर्त रहेगा।
ज्योतिषियों के अनुसार जुलाई में विवाह के शुभ मुहूर्त 7, 13 और 18 तारीख को है। चातुर्मास में विवाह के अलावा जनेऊ, मुंडन, गृहप्रवेश व नवीन कार्य टालने का विधान है। जुलाई के बाद नवंबर में 15 ,19, 20, 21, 22, 28, 29, 30 तारीख के सावे रहेंगे। इसके बाद दिसंबर में 1, 6, 11, 12, 13 तारीख तक सावे हैं। साल के अंत में भी 13 दिसंबर के बाद मळमास प्रारंभ हो जाएगा।
अगले साल भी ग्रह बनेंगे बाधा
जनवरी 2022 में भी केवल 22 व 23 तारीख को मुहूर्त रहेंगे। इस बीच 6 से 12 जनवरी तक शुक्र का तारा अस्त रहेगा। फरवरी में 5, 6, 10 और 18 तारीख को मुहूर्त रहेंगे उसके बाद 24 फरवरी को गुरु अस्त होने के साथ मांगलिक कार्य रुक जाएंगे। पंचांग के अनुसार में मुहूर्त में कुछ फेरबदल हो सकता है।
खरीदारी में कोई अड़चन नहीं
चातुर्मास के दौरान खरीदारी में कोई अड़चन नहीं है। खरीदारी के लिए 7, 11, 13, 15, 18 और 19 जुलाई को श्रेष्ठ दिवस है। उसके बाद अगस्त में 12, दिसंबर में 8 शुभ मुहूर्त रहेंगे। वहीं, अक्टूबर और नवंबर में 7-7 दिन शुभ योग रहेंगे।
Source: Jodhpur