NAND KISHORE SARASWAT
जोधपुर। अभिनय के बेताज बादशाह ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार ने अपने जीवन का 75 वां जन्मदिन जोधपुर में मनाया था। जोधपुर के नई सड़क पर तत्कालीन टॉकीज गिरधर मंदिर में 11 दिसंबर 1998 से ‘दिलीप कुमार फिल्मोत्सव’ आयोजन किया गया था। इस फिल्मोत्सव के उद्घाटन समारोह में स्वयं दिलीप कुमार अपनी पत्नी सायरा बानो के साथ उपस्थित हुए। तीन दिवसीय जोधपुर प्रवास के दौरान अपने जीवन का 75 वां जन्मदिन मनाया था।
जोधपुर की बौद्धिक संस्कृति संवर्धन को 56 वर्षों से समर्पित फिल्म सोसायटी जोधपुर के आमंत्रण पर बिना स्टार होटल में रहना सहर्ष स्वीकार किया। फिल्म सोसाइटी के तत्कालीन सचिव प्रोफेसर मोहन स्वरूप माहेश्वरी के साथ शीन काफ निजाम की ओर से समारोह का संचालन किया गया था। समारोह की अध्यक्षता वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की। उद्घाटन समारोह में प्रोफेसर एसडी कपूर, नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष रहे मानसिंह देवड़ा, प्रोफेसर एसएस टाक, राजेंद्र गहलोत, प्रोफेसर गंगाराम जाखड़, जितेंद्र माहेश्वरी, प्रो. आरएन शर्मा, गोपी किशन, प्रमोद शर्मा उपस्थित थे।
जब लोक कलाकारों को गले लगाया
समारोह के दौरान राजस्थानी लोक कलाकार और लंगा पार्टी के वादन और गायन से प्रभावित होकर दिलीप कुमार ने उन्हें गले लगाया और सम्मान कर नगद राशि भी अपनी ओर से भेंट की थी। तदनंतर 11 फिल्मों का प्रदर्शन प्रतिदिन शाम को होता रहा जिसमें प्रमुख थी देवदास, मधुमति, मुगले आजम आदि हिट फिल्में शाामिल थी।
सोजतीगेट पर किया बेकरी का उद्घाटन
दिलीप कुमार तथा सायरा बानो को जोधपुर तथा समीपस्थ सभी दर्शनीय स्थलों को दिखाने का तीन दिन तक अवसर सोसाइटी सदस्यों को मिला जिसमें एक शाम दिलीप कुमार ने उम्मेद क्लब का आतिथ्य भी स्वीकार किया था। सोजती गेट पर बेकरी दुकान के उद्घाटन में भी शामिल हुए थे।
…और ठहाका लगाकर हंस पड़े
तीसरे दिन दिलीप कुमार को मुंबई रवाना होना था। मुंबई के लिए सिर्फ एक फ्लाइट लगभग 11 बजे जाती थी । उम्मेद पैलेस में जोधपुर व्यंजनों का नाश्ता करते समय बातों ही बातों में समय कब निकला पता ही नहीं चला। फ्लाइट को दिलीप कुमार के नाम से भी 15 मिनट से ज्यादा नहीं रोका जा सका और फ्लाइट रवाना हो गई। फेस्टिवल आयोजन के प्रमुख सदस्य मोहन स्वरूप के माथे पर चिंता के बल पड़ गए । जैसे ही दिलीप कुमार की कार आई और हम उन्हें ससंकोच बता पाए कि सर फ्लाइट तो चली गई है और फ्लाइट अब कल है। इतना सुनते ही दिलीप कुमार ठहाका मारकर हंस पड़ेे बोले यह तो अच्छा हुआ अब बताओ कि लंच कहां करने जाना है। सारा तनाव भूलकर हम सभी रातानाडा के एक होटल में जा बैठे। शाम को मुंबई ना जाकर उन्होंने दिल्ली की फ्लाइट ले ली। ऐसे उम्दा इंसान थे यह दिलीप साहब…..महान अभिनेता दिलीप कुमार के निधन पर सोसायटी सदस्य हार्दिक शोक संवेदना व्यक्त करते है।
-जैसा कि पूर्व वाइस चांसलर व फिल्म सोसायटी जोधपुर के सचिव प्रो. केएल श्रीवास्तव ने बताया
देश दुनिया ने महानायक खो दिया : गहलोत
राज्य सभा सदस्य राजेन्द्र गहलोत ने कहा कि जीवंत अभिनय के बेताज बादशाह दिलीप कुमार के निधन से बॉलीवुड ने ही नहीं देश ने एक महानायक को खो दिया हैं। दिलीप कुमार के जोधपुर प्रवास के दौरान जब उनसे मिला तो उन्होंने बड़ी आत्मीयता से बातचीत की थी। देश व दुनिया उनके अभिनय व व्यवहार को हमेशा याद रखेगी। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा ने दिलीप कुमार के निधन पर कहा कि अभिनय के वैश्विक जगत में एक स्वर्णिम युग का अंत हो गया। देश ने अपना महान कला सपूत खो दिया।
समाजसेवी उद्यमी गणपत सालेचा ने बताया कि दिलीप कुमार से मेरे बहुत ही अच्छे संबंध रहे है । उनके साथ हवाई यात्रा में हमसफ़र के तौर पर साथ में रहा। जोधपुर आगमन पर हवाई अड्डे पर उनका स्वागत करने अवसर भी मिला।
Source: Jodhpur