बाड़मेर. बस्तों के बोझ के साथ पैदल जाकर पढ़ाई करने की गांव के बच्चों की पीड़ा तो बालिकाओं की छूट रही पढ़ाई ने सरपंचों को भी चिंता में डाल रखा है। नव गठित ग्राम पंचायत के पहले सरपंच होने का सौभाग्य तो उन्हें मिल गया लेकिन दो साल बाद भी उच्च माध्यमिक स्कू ल शुरू नहीं करवाने का उलाहना उनको हर दिन सुनने को मिल रहा है।
अभिभावक तो यह बात कह ही रहे हैं, बच्चे भी उनसे स्कू ल क्रमोन्नति की मांग करते थे तो उनके चेहरे पर चिंता नजर आती है। जिले में पिछले पंचायतराज चुनाव में ग्राम पंचायतों की तादाद बढक़र ६८९ हो गई। एक साथ दो सौ ग्राम पंचायतें बढ़ी तो नए सरपंच मिले। इसके बाद लगा कि गांव के विकास के साथ शिक्षा में भी फायदा होगा क्योंकि राज्य सरकार के नार्मस के अनुसार ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बारहवीं स्कू ल होनी है।
एेसे में लगा कि जल्द ही स्कू ल क्रमोन्नत हो जाएंगे, लेकिन दो साल बाद भी स्कू ल वहीं के वहीं है। जिले की पचास ग्राम पंचायतों में अभी भी आठवीं तक ही पढ़ाई हो रही है तो सौ के पार विद्यालयों में दसवीं तक की शिक्षा ही मिल रही है। इस पर इन नवीन ग्राम पंचायतों के विद्यार्थी आगे की पढ़ाई के लिए अन्यत्र जाने को मजबूर है।
इससे सरपंच भी अनजान नहीं है, वे पैरवी भी कर रहे हैं, लेकिन जब तक शिक्षा विभाग की ओर से पीईईओ क्षेत्र नहीं बनते तब तक स्कू ल क्रमोन्नत हो भी तो कैसे?
ग्राम पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है। एेसे में ग्राम पंचायत के विद्यार्थियों को पुरानी ग्राम पंचायत एड सिणधरी पढऩे के लिए पैदल जाना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सरकार उच्च माध्यमिक विद्यालय क्रमोन्नत करे तो नजदीक में विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा मिलेगी। – वंशीराम मेघवाल, सरपंच ग्राम पंचायत एड मानजी, पंचायत समिति पायला कला
बालिकाओं व बालकों को पढ़ाई के लिए ग्राम पंचायत से दूर पुरानी ग्राम पंचायत मुख्यालय जाना पड़ रहा है। सरकार ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले तो विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। बालिकाओं को पढ़ाई छोडऩे को विवश नहीं होना होगा। – कंकुदेवी, सरपंच ग्राम पंचायत गोदारों का सरा, पंचायत समिति सिणधरी
नई ग्राम पंचायत बनी और मुझे सरपंच बनाया तो मेरे मन में एक ही बात थी कि शिक्षा पर ध्यान दूं। इसके लिए उच्च माध्यमिक स्कू ल जरूरी है, लेकिन दो साल बाद भी विद्यालय क्रमोन्नत नहीं हुआ है। लोग उलाहना दे रहे हैं तो बच्चे भी स्कू ल क्रमोन्नति की मांग कर रहे हैं।– हरजीराम कुमावत, सरपंच ग्राम पंचायत हड़वा, पंचायत समिति शिव
ग्राम पंचायत हुडों का तला के रामावि बांकाणा तला में पिछले सत्र में कक्षा दसवीं में 48 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए जिसमें 33 लड़कियां व 15 लडक़े थे। हमारी ग्राम पंचायत के 7 किमी नजदीक तक कोई उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं होने के कारण 20 बेटियों ने पढ़ाई छोड़ दी।-नैनाराम बेनीवाल, सरपंच, हुडों का तला, पंचायत समिति चौहटन
Source: Barmer News