बाड़मेर. राउप्रावि बानों का तला हाथमा में कार्यरत शिक्षक राजेंद्र बिश्नोई ने घायल हरिण की जान बचा सात घंटे देखभाल करने के बाद वन विभाग को सुपुर्द किया। बिश्नोई बुधवार सुबह करीब 7 बजे देरासर से अपने विद्यालय की ओर जा रहे थे।
इस दरम्यान छुटाणियों की ढाणी से आगे देरासर-बानों का तला सरहद पर सड़क किनारे उन्हें ३-४ हरिण नजर आए। बाकी हरिण तो शिक्षक रविन्द्र बिश्नोई को देखकर भाग गए, लेकिन एक छोटा हरिण प्रयास करने के बावजूद चल भी नहीं पा रहा था। इस पर बिश्नोई ने पास जाकर देखा तो हरिण का एक पैर पूरी तरह से टूटा हुआ था और चमड़ी के सहारे लटक रहा था। साथ ही दूसरे पैर पर गंभीर चोट के साथ खून बह रहा था। पास ही खेत की तारबंदी नजर आई, जिससे हरिण घायल हुआ।
बिश्नोई घायल हरिण के स्कू ल ले गए जहां प्रधानाध्यापक शांति प्रकाश गौड़, शिक्षक नारणाराम, हितेश कुमार जांगिड़, मोहित बाना एवं शिक्षिका रजनी यादव, नीलम, आशा चौधरी व श्वेता परमार ने घायल हरिण का प्राथमिक उपचार किया और वन विभाग की रेस्क्यू टीम को सुपुर्द कर दिया।
Source: Barmer News