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बाड़मेर. कोरोना से थोड़ी राहत के बाद जिले की सात ग्राम पंचायतों में चुनाव सरगर्मियां चल रही हैं।

यहां सरपंच के चुनाव होने हैं, जिसमें से दो में निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है तो शेष पांच में चुनाव से सरपंच का फैसला होगा।

एेसे में आगामी दिनों इन ग्राम पंचायतों में राजनीतिक गतिविधियां होंगी जिन पर पूरे जिले की नजर रहेगी। विशेषकर दोनों बड़ी पार्टियां अपने समर्थक को सरपंच बनाने की जुगत करती नजर आएंगी।

जिले में एक बार फिर से चुनावी माहौल नजर आ रहा है। यह चुनावी रंगत जिले की सात ग्राम पंचायतों कालेवा, पूंजासर, मौखाबा खुर्द, सूदाबेरी, मुकनपुरा, घड़ोई चारणान और कम्मों का बाड़ा में हैं। इनमें से कालेवा व पूंजासर में निर्विरोध सरपंच चुन लिया गया हैं। जबकि शेष पांच में २५ जुलाई को चुनाव होंगे।

सरपंच का पद महत्वपूर्ण, हर तरफ से जोर आजमाईश- सरपंच का पद ग्राम पंचायतों में सबसे महत्वपूर्ण होता है। एेसे में जो भी व्यक्ति चुनाव लड़ रहे हैं, वे जीत को लेकर जोर आजमाईश कर रहे हैं। एक-एक वोट की कीमत जानते हुए अब जबकि चुनाव होना तय है मौखाबा खुर्द गुड़ामालानी, सूदाबेरी धोरीमन्ना, मुकनपुरा पाटोदी, घड़ोई चारणान कल्याणपुर, कम्मों का बाड़ा समदड़ी में प्रचार-प्रसार शुरू हो गया है। आगामी तीन-चार दिन तक यहां चुनाव सरगॢमयां नजर आएंगी।

राजनीतिक दलों की भी नजर- राजनीतिक दल भी सरपंच चुनाव को लेकर सक्रियता दिखाएंगे। गांव की सरकार का मुखिया उनकी विचारधारा का हो इसलिए वे एेसे उम्मीदवार के समर्थन में वोट मांगेंगे तो प्रचार-प्रसार भी करेंगे। हालांकि गांवों में अमूमन पार्टी नहीं व्यक्ति के आधार पर ही सरपंच का चुनाव होता है।

Source: Barmer News

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