जोधपुर. करवड़ स्थित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान (एसआरएस) आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर में 100 बेड का अंतरराष्ट्रीय पंचकर्म केंद्र बनाया जाएगा। कैंपस में 2.75 हेक्टर में इसके लिए अलग से दो मंजिला इमारत में करीब 50 से 60 हट (कॉटेज) होगी। इसे मेडिकल टूरिज्म के साथ वैलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। केरल में एकाध पंचकर्म केंद्र को छोड़ दें तो यह देश का सबसे बड़ा पंचकर्म केंद्र होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन इसके लिए 60 करोड़ से अधिक का प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
राज्य सरकार ने इस साल बजट में आयुर्वेद विवि में 25 बेड के पंचकर्म केंद्र के लिए पांच करोड़ रुपए मंजूर किए थे। आला अधिकारियों के समक्ष जब विवि प्रशासन ने पंचकर्म केंद्र का महत्व और उसका प्रस्तुतिकरण दिया तो सरकार ने विवि को देश का सर्वश्रेष्ठ पंचकर्म केंद्र बनाने के निर्देश दिए हैं। कुछ दिन पहले विवि ने ४० करोड़ की लागत से 50 बेड का पंचकर्म केंद्र बनाने का प्रस्ताव बनाया, लेकिन राज्य सरकार ने इसे १०० बेड का करने को कहा है। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद पंचकर्म केंद्र डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा।
हाउस कीपिंग व सर्विसिंग पीपीपी मोड पर
पंचकर्म केंद्र संचालित करने के लिए बड़े स्तर पर दक्ष कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए विवि प्रशासन पीपीपी मोड पर हाउस कीपिंग व सर्विसिंग लेगा। विश्व में कई इंटरनेशनल चैन पंचकर्म केंद्र के लिए इस तरह की सेवाएं मुहैया करवाती है। वर्तमान में जर्मनी में बहुत बड़ा पंचकर्म केंद्र है। इसकी निर्माण सामग्री राजस्थान से गई है।
स्वास्थ्यवर्धक पंचकर्म
पंचकर्म केंद्र में वैलनेस और मेडिकल टूरिज्म दोनों की सुविधा रहेगी। लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारियों के अलावा न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, मेंटल डिसऑर्डर, ऑर्थोपेडिक सहित अन्य बीमारियों के लिए पंचकर्म थेरेपी दी जाएगी। पंचकर्म में 5 मेजर थेरेपी के अलावा कई माइनर थेरेपी शामिल होगी।
‘सरकार इसे देश का सर्वश्रेष्ठ पंचकर्म केंद्र बनाना चाहती है। हमने इसके लिए 100 बेड का पंचकर्म केंद्र का प्रस्ताव तैयार किया है।
– प्रो अभिमन्यु कुमार सिंह, कुलपति, डॉ एसआरएस आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय जोधपुर
Source: Jodhpur