जोधपुर. चीन के अधीन हिमालय की बर्फीली दुर्गम पहाडिय़ों में स्थित कैलाश मानसरोवर की यात्रा सकुशल पूरी करने पर राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले एक लाख के अनुदान के लिए जोधपुर संभाग से केवल पिछले छह साल में 55 लोग ही भाग्यशाली रहे जिन्होंने मानसरोवर यात्रा के बाद सरकार से भी अनुदान प्राप्त किया। कोरोनाकाल के कारण पिछले दो सालों में किसी ने किसी ने आवेदन तक नहीं किया है। देवस्थान विभाग की ओर से वर्ष 2012 से प्रत्येक यात्री को एक लाख का अनुदान देने की घोषणा के नौ साल बाद भी पूरे जोधपुर संभाग से कठिन व दुर्गम यात्रा नाममात्र ने ही पूरी की है। भारतीय धर्मग्रंथों में मुख्य चार सरोवरों में पम्पा सरोवर, मानसरोवर, नारायण सरोवर, बिन्दु सरोवर है। इसमें मानसरोवर भगवान शिव के चरणों में कैलाश पर्वत पर है जिसकी परिक्रमा का विशेष महात्म्य माना गया है।
जोधपुर संभाग से मानसरोवर तक पहुंचे सफल यात्री
2016-17–7
2017-18–12
2018-19–21
2019-20–15
2020-21 शून्य
मंजूरी मिलने में समय अधिक मानसरोवर की यात्रा निजी टूर ऑपरेटर्स के माध्यम से पूरी कर चुके श्रद्धालुओं का कहना है कि विदेश मंत्रालय के माध्यम से मानसरोवर यात्रा पूरी करने के लिए औपचारिकताएं ज्यादा व मंजूरी में लंबा समय लगता है। ऐसे में दर्शनार्थियों को ूमजबूरन निजी टूर ऑपरेटर का सहारा लेना पड़ता है।
पूरे जीवन में एक बार ही अनुदान
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के मार्फत से कैलाश मानसरोवर की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी करने के बाद छह माह के अंदर राजस्थान के मूल निवासी यात्री को प्रमाणपत्र सहित आवेदन करने पर देवस्थान विभाग की ओर से एक लाख अनुदान राशि दी जाती है। पिछले पांच सालों में जोधपुर, बाड़मेर, पाली, जालोर, जैसलमेर के 55 यात्रियों को अनुदान दिया जा चुका है। यह राशि यात्री को जीवन में सिर्फ एक बार ही देने का प्रावधान है। जतिन गांधी , सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग जोधपुर।
Source: Jodhpur