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NAND KISHORE SARASWAT

जोधपुर. रक्षाबंधन के दिन इस बार तीन खास संयोग भाई-बहन के लिए मंगलकारी व शुभ रहेंगे। रक्षा बंधन का त्योहार श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है, लेकिन इस बार यह सावन पूर्णिमा पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ मनाया जाएगा। शोभन योग भी इस त्योहार को खास बना रहा है। रक्षा बंधन पर इस बार 474 साल बाद गुरु और चंद्रमा की इस युति से गजकेसरी योग बन रहा है। खरीदारी के लिए राजयोग भी बेहद शुभ माना जाता है।

ज्योतिषियों के अनुसार गजकेसरी योग से इंसान की महत्वाकांक्षाएं पूरी होती हैं। धन संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है। गजकेसरी योग से राजसी सुख और समाज में मान-सम्मान की भी प्राप्ति होती है। राजयोग में आ रहे रक्षा बंधन पर इस बार भद्रा का साया भी नहीं रहेगा। बहनें पूरे दिन भाइयों को राखी बांध सकेंगी।
रक्षाबंधन पर सिंह राशि में सूर्य, मंगल और बुध ग्रह एक साथ विराजमान होंगे। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। इस राशि में मित्र मंगल भी उनके साथ रहेगा, जबकि शुक्र कन्या राशि में होगा। ग्रहों का ऐसा योग बेहद शुभ और फ लदायी होता है। ज्योतिष अनीष व्यास के अनुसार रक्षा बंधन पर ग्रहों का ऐसा दुर्लभ संयोग 474 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 11 अगस्त 1547 को ग्रहों की ऐसी स्थिति बनी थी। जब धनिष्ठा नक्षत्र में रक्षा बंधन मनाया गया था और सूर्य, मंगल और बुध एक साथ ऐसी स्थिति में आए थे।

सुबह शोभन योग, शाम तक धनिष्ठा नक्षत्र
शनिवार 21 अगस्त शाम 6.10 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू होकर 22 अगस्त को शाम 5.01 बजे तक रहेगी। रक्षाबंधन के दिन इस साल सावन पूर्णिमा, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इन संयोग को उत्तम माना गया है। राखी बांधने के लिए 12 घंटे और 11 मिनट की अवधि का लंबा शुभ मुहूर्त है और राखी सुबह 5. 50 मिनट से लेकर शाम 6.03 मिनट तक कभी भी बांधी जा सकेगी। शोभन योग सुबह 6.15 से 10.35 बजे तक और इसके पश्चात शाम 7.45 बजे तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा।

Source: Jodhpur

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