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बाड़मेर. जिले की सौ से अधिक स्कू  लों में विद्युत तार, खम्भे और ट्रांसफार्मर का खतरा अब हटने की उम्मीद जगी है। निदेशालय प्रारम्भिक शिक्षा ने जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय प्रारम्भिक शिक्षा को निर्देश देते हुए तत्काल विद्युत विभाग से सम्पर्क कर एेसे खतरे को विद्यालयों से हटाने के निर्देश दिए हैं।

बावजूद इसके खतरा नहीं टला और कोई हादसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी डीईओ मुख्यालय प्रारम्भिक शिक्षा की रहेगी। गौरतलब है कि स्कू  ल परिसर, खेल मैदान में विद्युत तार, पोल व ट्रांसफार्मर लगे होने से यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों के साथ-साथ स्टाफ को भी खतरा रहता है।

वहीं, जिले में हादसा भी हो चुका है, बावजूद इसके अब तक खतरा नहीं हटा।सीमावर्ती बाड़मेर जिले सहित प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में झूलते विद्युत तार, बीच मैदान विद्युत पोल और ट्रांसफार्मर लम्बे समय से हादसे को न्योत रहे हैं। यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों के सिर पर खतरा है तो स्टाफ की भी चिंता कि कहीं कोई हादसा न हो जाए। इसको लेकर लम्बे समय से विद्युत पोल, तार व ट्रांसफार्मर स्कू  ल परिसर से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की जा रही थी। अब इसको लेकर निदेशालय प्राथमिक शिक्षा ने निर्देश जारी कर समस्त डीईओ मुख्यालय प्रारम्भिक शिक्षा को तत्काल कार्रवाई करने को कहा है। आदेश में स्पष्ट लिखा है कि स्कू  ल में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं, स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी मौका मुआवना कर विद्यालय भवनों, खेल मैदानों के ऊपर से गुजर रही विद्युत लाइने के संबंध में तत्काल विद्युत विभाग से सम्पर्क कर तल्काल कार्रवाई करे।व्यक्तिश: जिम्मेदारी- आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यह एक गंभीर एवं छात्र-छात्राओं तथा स्टाफ की सुरक्षा से संबंध प्रकरण है। इसलिए इस संबंध में व्यक्तिश: रुचि लेकर अपेक्षित कार्रवाई डीईओ करे। भविष्य में दुर्घटना या हादसा होने की स्थिति में उनको व्यक्तिगत जिम्मेदार माना जाएगा। बाड़मेर में सौ से अधिक स्कू  लों में खतरा- जिले में सौ से अधिक स्कू  ल हैं जहां से विद्युत तार गुजर रहे हैं या फिर विद्युत पोल व ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। एेसे में यहां अध्ययनरत विद्यार्थी व स्टाफ हर दिन अनहोनी की आशंका के बीच पढऩे व पढ़ाने को मजबूर है। हो चुका हादसा- जिले में कुछ आठ साल पहले राजकीय विद्यालय रामसीन मूंगड़ा में विद्युत तार से हादसा हो चुका है। जानकारी के अनुसार यहां एक बालक पेड़ पर चढ़ा जिससे छूकर विद्युत लाइन गुजर रही थी। जिसको छूने पर उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद विद्युत तार, पोल व ट्रांसफार्मर हटाने की बात उठी लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया। नियम आ रहा आडे़- जानकारी के अनुसार विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर हटाने के लिए विद्युत विभाग की ओर से आधा खर्चा उठाया जाता है। आधी राशि संबंधित को देनी होती है। हजारों का खर्चा होने पर स्कू  ल बजट के अभाव में वहन करने में असमर्थ होते हैं जिस पर खतरा स्कू  लों से हट नहीं रहा। हालांकि कई बार विधायक निधि कोष व अन्य सरकारी योजना से उक्त राशि वहन करने की बात तो उठी लेकिन अमलीजामा नहीं पहन सकी। जल्द ही सर्वे कर हटाएंगे खतरा- यह बात सही है कि जिले में कई स्कू  लों में विद्युत तंत्र का खतरा है। इसमें फंड की समस्या आ रही है। अब पूरे जिले का सर्वे करवाया जाएगा जिसके बाद जिला कलक्टर को अवगत करवा सहयोग लिय जाएगा।

संस्था प्रधानों को निर्देश देंगे कि वे जन सहयोग से राशि एकत्र करे। मेरी जनता से भी अपील है कि जिस भी गांव में एेसी स्थिति है वहां अपने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए जनसहयोग से राशि एकत्र कर जमा करवाए जिससे कि विद्युत तंत्र के खतरे को हटाया जा सके।- केसरदान रतनू, जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय प्रारम्भिक शिक्षा बाड़मेर

Source: Barmer News

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