NAND KISHORE SARASWAT
जोधपुर. भाई-बहन के स्नेह और विश्वास का प्रतीक पर्व रक्षा बंधन रविवार को पारम्परिक हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन को भद्रा बाधक नहीं होने से बहनें पूरे दिन विश्वास और स्नेह की डोर से भाइयों की कलाइयां सजा सकेगी। रक्षाबंधन के दिन इस बार तीन खास संयोग भी भाई-बहन के लिए मंगलकारी व शुभ रहेंगे। पूर्णिमा तिथि रविवार को शाम 5.58 बजे तक रहेगी। राखी बांधने के लिए 12 घंटे और 11 मिनट की अवधि का लंबा शुभ मुहूर्त है और राखी सुबह 5. 50 बजे से शाम 6.03 मिनट तक कभी भी बांधी जा सकेगी। शोभन योग सुबह 6.15 से 10.35 बजे तक और इसके पश्चात शाम 7.45 बजे तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। भद्रा काल 23 अगस्त को सुबह 5.34 से 6.12 तक रहेगा। रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर बाजारों में खासी रौनक रही। शहर के विभिन्न जगहों पर लगी राखियों की अस्थाई स्टॉलों पर महिलाओं की भीड़ लगी रही। मिष्ठान विक्रेताओं के अलावा बहनों को उपहार देने के लिए भाइयों ने भी जमकर खरीदारी की। जोधपुर में खरीदारी के लिए जोधपुर संभाग के विभिन्न जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
रक्षा बंधन के लिए शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त 4.33 से 5.21 तक
सुबह 5.50 बजे से शाम 6.03 बजे तक
अमृत चौघडिय़ा सुबह 9.34 से 11.07 बजे तक
अभिजित मुहूर्त दोपहर 12.04 से 12.58 मिनट तक
दोपहर 1.44 से 4.23 बजे तक
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सवा चार घंटे तक शोभन योग
ज्योतिष अनीष व्यास ने बताया कि इस बार राखी के पर्व पर अशुभ माना जाने वाला भद्रा का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए सुबह से श्रेष्ठ मुहूर्त है। खासकर सवा चार घंटे तक विद्यमान रहने वाले शोभन योग के संयोग में राखी बांधना श्रेष्ठ होगा। शोभन योग सुबह 6.15 से 10.35 बजे तक पड़ रहा है। इसके पश्चात शाम 7.45 बजे तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। गुरु और चंद्रमा की इस युति से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है। गजकेसरी योग से इंसान की महत्वाकांक्षाएं पूरी होती हैं। धन संपत्ति, मकान, वाहन जैसे और समाज में मान-सम्मान की भी प्राप्ति होती है।
Source: Jodhpur