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बाड़मेर. प्रदेश की अल्पसंख्यक वर्ग के बालक-बालिकाओं की छात्रवृत्ति में शिक्षण संस्थाओं के केवाइसी नहीं करवाने की समस्या आ रही है।

पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत पूरे प्रदेश की १४ लाख ०३ हजार ७८१ छात्राओं में से १ लाख ५१ हजार २८१ बालिकाओं के ही आवेदन हो पाए हैं।

इसके पीछे संस्थाओं का केवाइसी अपडेशन नहीं होना है। अपडेशन में जालोर जिला अव्वल है तो बाड़मेर और उदयपुर जिले पिछडे़ हुए हैं। अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं को प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक, मैरिट कम मीन्स छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

इसके लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी ) पर रजिस्टे्रशन, केवाइसी अपडेशन, आधार आथेंटीफिकेशन करवाना होता है। विद्यालयों की ओर से केवाइसी अपडेशन होने के बाद पोर्टल पर बालक-बालिकाओं के आवेदन व आधार अपडेशन हो सकते हैं, लेकिन प्रदेश के अधिकांश जिलों के रुचि नहीं लेने पर प्रदेश की 33.36 फीसदी संस्थाएं ही केवाइसी अपडेशन करवा पाइ है। गौरतलब है कि प्रदेश 70801 स्कू  लों ने अब तक केवाइसी अपडेशन नहीं किया गया है। जिले में 5069 स्कू  लों का केवाइसी अपडेशन होना है।

ये हैं पांच अव्वल जिले- अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति को लेकर केवाइसी अपडेशन करवाने वाली संस्थाआें में जालोर जिला अव्वल है, जहां 88.29 फीसदी अपडेशन हो चुका है। इसके बाद चित्तौडग़ढ़ 84.94, हनुमानगढ़ 84.49, भरतपुर 77.56 व बूंदी 67.25 फीसदी अपडेशन करवा चुके हैं।

इन जिलों में कम अपडेशन- प्रदेश में अल्पसंख्यक वर्ग की छात्रवृत्ति को लेकर एनएलपी पर अपडेशन के मामले में सबसे फीसड्डी जिला उदयपुर है, जहां 4.71 फीसदी अपडेशन ही हुआ है। इसके बाद बाड़मेर का नम्बर आता है जहां 10.47 फीसदी अपडेशन हुआ है। वहीं, डूंगरपुर में 10.63, सिरोही 11.32 व जोधपुर 12.40 है।

प्रदेश में अपडेशन योग्य कुल स्कू  ल- अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति को लेकर प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालयों को अपडेशन करवाना है जिसमें सरकारी व निजी विद्यालय शामिल है। प्रदेश में 58716 राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय है जबकि निजी विद्यालयों की तादाद 27339 है। वहीं, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 11315 है और 8870 निजी स्कू  ल है। प्रदेश में 106240स्कू  ल हैं जिसमें से 35439 ने अपडेशन करवाया है जबकि 70801 स्कू  ल ने अपडेशन नहीं करवाया है।

Source: Barmer News

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