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जोधपुर. लोक देवता बाबा रामदेव का अवतरण दिवस भाद्रपद शुक्ल द्वितीया (बीज) बुधवार को जोधपुर में हर्षोल्लास से मनाया गया। मसूरिया स्थित बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ के समाधि मंदिर में सुबह 108 ज्योत से शृंगार महाआरती की गई। बाबा के अवतरण दिवस पर दर्शनार्थियों से खचाखच भरा रहने वाला मसूरिया मंदिर लगातार दूसरे साल भी कोविड गाइडलाइन के कारण वीरान नजर आया। मसूरिया बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ मंदिर का संचालन करने वाले पीपा क्षत्रिय समस्त न्याति सभा ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र चौहान ने बताया कि बाबा के अवतरण दिवस पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन की गाइडलाइन की पालना करते हुए पंचामृत अभिषेक व शृंगार आरती में ट्रस्ट व पुजारी सहित सीमित सदस्य ही मौजूद रहे। पुजारी अनिल सोलंकी के सान्निध्य में बाबा रामदेव व गुरुबालीनाथ तथा पहाड़ी पर स्थित बालीनाथ तपस्या धूणें पर महाआरती की गई। भक्तों के लिए शृंगार महाआरती और ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था मंदिर वेबसाइट पर की गई। उल्लेखनीय है मसूरिया स्थित बाबा रामदेव मंदिर में वर्ष में केवल एक बार होने वाली शृंगार महाआरती में शामिल होने जोधपुर शहरवासियों सहित हर साल लाखों भक्त शामिल होने पहुंचते है। सूर्यनगरी के अन्य रामदेव मंदिरों में भी बाबा रामदेव अवतरण दिवस मनाया गया। राईका बाग स्थित युगल जोड़ी बाबा रामदेव मंदिर में सैनाचार्य अचलानंदगिरि के सान्निध्य में अलसुबह बाबा रामदेव एवं रानी नेतल प्रतिमा का पंचामृत अभिषेक कर मंदिर शिखर पर ध्वजारोहण किया गया। सरदारपुरा 11वीं सी रोड भाऊ रामचंद्र मार्ग स्थित बाबा रामापीर मंदिर में आरती कर ध्वजारोहण किया गया।

सादगीपूर्ण तरीके से मंदिर शिखर पर ध्वजारोहण
मसूरिया बाबा बालीनाथ मंदिर शिखर पर बुधवार सुबह सादगीपूर्ण तरीके से हुए ध्वजारोहण में राज्यसभा सदस्य राजेन्द्र गहलोत, महापौर दक्षिण क्षेत्र वनिता सेठ, शहर विधायक मनीषा पंवार, उपमहापौर दक्षिण क्षेत्र किशन लढ्ढा व राजेन्द्र सोलंकी सहित मंदिर संचालन करने वाले ट्रस्ट के शिव प्रसाद दैया, दिनेश गोयल, सचिव मफतलाल राखेचा, नरेन्द्र गोयल, पुरुषोत्तम राखेचा, प्रवीण पंवार, अनिल सोलंकी, विजय राखेचा, शशिकांत सोलंकी, विरेन्द्र चौहान, रोशन परमार, अजय सोलंकी, राकेश गोयल आदि सदस्य व पदाधिकारी मौजूद रहे।

मंदिर प्रवेश द्वार तक सभी रास्तों पर बेरिकेडिंग

देश के विभिन्न क्षेत्रों से जातरुओं और बाबा के भक्तों के पहुंचने की आशंका के चलते समूचे क्षेत्र के पहले ही मंदिर तक आने वाले सभी रास्तों को बेरिकेडिंग कर सील कर दिया था। जिले के भांडू कला से पैदल यात्रियों का समूह मसूरिया मंदिर में आरती के दर्शन के लिए पहुंचा लेकिन मंदिर प्रवेश द्वार बंद होने के कारण मंदिर परिसर की दीवार के पास गली में खड़े रहकर प्रार्थना की।

Source: Jodhpur

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