जोधपुर. देवों में प्रथम पूज्य गणनायक पार्वती नंदन गणेश का जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी 10 सितम्बर को घरों में श्रद्धा-भक्ति के माहौल में हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। कोविड गाइडलाइन के कारण शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर अस्थाई मंडपों में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना नहीं हो सकेगी। रातानाडा गणेश मंदिर सहित जोधपुर के प्रमुख गणेश मंदिरों में पूजा अर्चना अभिषेक होंगे लेकिन दर्शनार्थियों के लिए प्रवेश बंद रहेगा। महाराष्ट्र समाज जोधपुर की ओर से शास्त्रीनगर डी सेक्टर स्थित समाज के भवन में गणेश महोत्सव सादगी से मनाया जाएगा।
चित्रा नक्षत्र का योग करीब 59 साल बाद
चित्रा नक्षत्र में आगमन हो रहे गणेश चतुर्थी को इस बार ब्रह्म और रवियोग में गणपति स्थापना के साथ पूजा की जाएगी। इस दिन चंद्रमा शुक्र के साथ युति करते हुए तुला राशि में रहेगा। ज्योतिष अनीष व्यास ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर चित्रा नक्षत्र का योग करीब 59 साल बाद बना है। इससे पहले 1962 में इस तरह का योग बना था। तब भी चंद्र शुक्र के साथ तुला राशि में था। इस बार भी यह विशेष योग कई मायनों में भक्तों के लिए सकारात्मक परिणाम देने वाला रहेगा।
उत्तर की ओर मुख कर गणपति पूजन
भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को हल्दी से स्वास्तिक बनाकर पीले आसन पर इस तरह स्थापित करें कि विग्रह की पीठ उत्तर दिशा में हो तथा मुख दक्षिण की दिशा में हो। दोपहर 12 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच गणेश स्थापना के लिए अच्छा मुहूर्त है। उत्तर की ओर मुख कर गणपति पूजन करना चाहिए। अगर गणेश चतुर्थी पर गणपति जी को स्थापित करते हैं तो हमेशा ईशान कोण, पूर्व दिशा या उत्तर दिशा में ही करें। ये ही तीन दिशाएं भगवान श्रीगणेश की स्थापना के लिए श्रेष्ठ हैं। इस दिन काले और नीले रंग के वस्त्र के स्थान पर लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है। ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए।
गणेश चतुर्थी
चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 9 सितंबर रात 12.18 बजे से
चतुर्थी तिथि समाप्त- 10 सितंबर रात 9.57 मिनट तक
राशि के अनुसार गणपति प्रतिमा का रंग
मेष और वृश्चिक राशि वाले लाल रंग के गणपति स्थापित करें। इसी तरह वृष और तुला राशि वाले सिल्वर व्हाइट,
मिथुन और कन्या राशि वाले हरे रंग, कर्क राशि के लोग श्वेत रंग, सिंह राशि वाले गेरुए रंग के गणपति स्थापित करें।
धनु और मीन राशि के लोग पीले रंग की आभा वाले तथा मकर और कुम्भ राशि के व्यक्ति आसमानी रंग की आभा वाले गणपति स्थापित करना शुभ माना जाता है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में इस बार इॅको फ्रेण्डली गणपति की मूर्तियां बिक्री के लिए सज चुकी है।
Source: Jodhpur