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दिलीप दवे बाड़मेर. गांव-गांव खेले जाने वाले खेल सतोलिया, मलखम्भ, सेपक टकरा बच्चों को गोल्ड मेडलिस्ट बनाएंगे। इन खेलों की न केवल राज्य स्तर पर पहचान बनेगी वरन इसमें मेडल प्राप्त कर विद्यार्थी अपने गांव का नाम भी रोशन कर पाएंगे।

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने विद्यालयी खेलों में अ_ारह खेलों के अतिरिक्त अन्य खेल भी शामिल किए हैं जो अब स्कू  ली खेलकू  द प्रतियोगिताओं का हिस्सा होंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से हाल ही में विद्यालय स्तर पर होने वाले खेलों में परम्परागत खेलों के शामिल किया है जिस पर इन खेलों की भी राज्य स्तर पर नई पहचान होगी। आदेश के तहत अब १७ व १९ आयु वर्ग छात्र-छात्रा वर्ग पूर्व में खेले जाने वाले खेलों के अतिरिक्त कई खेल शामिल किए हैं। वहीं पूर्व में संचालित खेलों में से कुछ को छात्रा वर्ग के लिए भी शुरू किया है। जिन नए खेलों को विद्यालयी खेलकू  द प्रतियोगिता में स्थान मिल रहा है, उसमें लगोरी (सतोलिया ), मलखम्भ, सेपक टपरा, टग ऑफ वार, सुपर सेवन क्रिकेट को शामिल किया गया है।

इन खेलों को किया शामिल- विभागीय आदेश के तहत फुटबॉल, क्रिकेट और कुश्ती में १७ व १९वर्षीय बालिकाएं अपना हुनर दिखा पाएंगी। वहीं, टेनिस क्रिकेट, साइक्लिंग, ताईक्वांडो, बॉल बैडमिंटन, बॉक्सिंग, स्पीड बॉल, शतरंज, नेटबॉल, थ्रो बॉल, रोल बॉल, कू  डो, टेनिस वॉलीबॉल, कराटे, अस्थे दा अखाड़ा, वुशु,मलखम्भ, सेपक टपरा, टग ऑफ वार, सुपर सेवन क्रिकेट, मलखम्भ आदि को नए खेलों के रूप में शामिल किया गया है। इन खेलों में छात्र-छात्राएं १७/१९ आयु वर्ग में भाग ले सकेंगे।

खेल प्रतिभाओं को मिलेगी पहचान- गांव की गलियों में बिना किसी बजट के खेले जाने वाले एेसे खेलों को स्कू  ली खेलकू  द प्रतियोगिताओं में शामिल करने का फायदा गांव की प्रतिभाओं को मिलेगा। शिक्षा विभाग की यह पहल सराहनीय है।- गेमरसिंह कोटड़ा, सेवानिवृत्त शारीरिक शिक्षक

नए खेल शामिल करना सराहनीय- नए खेलों को शामिल करने पर अधिक से अधिक खेल प्रतिभाओं को स्कू  ली स्तर पर पहचान मिलेगी जो खेलों को बढ़ावा देने में सहायक होगी। वहीं इन खेलों में रुचि रखने वाले खिलाडि़यों को प्लेटफॉर्म मिलना अच्छी बात है।– भवेन्द्र जाखड़, क्रिकेट खिलाड़ी

खेलों को मिलेगा बढ़ावा- अब काफी खेल विद्यालय स्तर की प्रतियोगिता में शामिल किए गए हैं। इससे न केवल खेलों को बढ़ावा मिलेगा वरन अधिक से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे तो उनको भी अपनी पसंद के अनुसार आगे बढऩे का मौका मिलेगा।– नेमगिरी गोस्वामी, वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक राउमावि धारासर

Source: Barmer News

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