बाड़मेर. जाता मानसून जिले में बारिश कर खुशियां दे रहा है। हालांकि देरी से हुई बारिश पर अब जुताई करने पर फिर से बारिश का इंतजार करना पड़ सकता है।
वहीं,खेतों में बोई फसलों को इससे जरूर संजीवनी मिली है। बागवानी के लिए यह बारिश सबसे अधिक फायदेमंद साबित हो सकती है। वैसे बारिश होने पर जमीन की उर्वरक शक्ति जरूरी बढ़ जाएगी जो सिंचित खेती के लिए भी आगमी दिनों में लाभकारी रहेगी। जिले में इस बार मानसून की सक्रियता देरी से हुई। पूर्व में दो बार मानसून आया लेकिन बाड़मेर में मेह नहीं बरसा।
बारिश के इंतजार में साढ़े तीन महीने गुजर गए अब जाकर इन्द्रदेव मेहरबान हुए। एेसे में पिछले चार दिन से बारिश का दौर चल रहा है। जिले में हर जगह बारिश होने पर किसान खुश है। यह बारिश जिले में करीब १२ लाख हैक्टेयर में बोई गई फसलों के लिए लाभकारी होगी, क्योंकि फसलें मुरझाने लगी थी एेसे में बारिश होते ही अब फिर से तैयार हो जाएगी। हालांकि बाजरा की फसल को कम फायदा होगा लेकिन चारे के रूप में काम आएगा। वहीं, मूंग,मोठ के लिए यह बारिश संजीवनी बन कर आई है।
ग्वार के लिए भी यह बारिश फायदेमंद रहेगी।
किसानों का अब ग्वार-मोठ की बुवाई पर जोर- जिन गांवों में पहली बारिश अच्छी बारिश हुई है, वहां अब ग्वार व मोठ की बुवाई पर जोर है। किसानों के अनुसार आगामी एक माह तक ग्वार-मोठ की फसलों को बारिश की जरूरत नहीं रहेगी। उनको उम्मीद है कि आसोज माह में बारिश होगी और ग्वार व मोठ को फायदा मिलेगा।
बागवानी की फसलों को होगा फायदा- देर से बारिश के बावजूद बागवानी की फसलों को ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है। बारिश के बाद जमीन में नमी आने पर इन फसलों में तेजी से बढोतरी होगी तो आगामी सर्दी के दौरान भी इस बारिश का फायदा मिलेगा।
खड़ी फसलों के लिए फायदेमंद- खेतों में खड़ी ख्ररीफ की फसलों के लिए बारिश फायदेमंद है। बागवानी की फसलों को लाभ होगा।-डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी
Source: Barmer News