जोधपुर. लगभग 291 साल पहले खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए शहीद हुए 363 लोगों की बलिदान स्थली खेजड़ली में गुरुवार को विश्व प्रसिद्ध मेला स्थगित होने की घोषणा के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने शहीद स्मृति स्मारक की परिक्रमा की और पर्यावरण संरक्षण यज्ञ में आहुतियां देकर माता अमृता देवी व शहीदों के जयकारे लगाकर उन्हें नमन किया।
सुबह हवन के बाद ध्वजारोहण की रस्म अदा की गई। सुबह से दोपहर 2 बजे तक खेजड़ली शहीदी स्थल के आस पास के गांवों और क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने हवन में घी एवं नारियलों की आहुति देकर गुरु जम्भेश्वर भगवान प्रतिपादित 29 नियमों की पालना का संकल्प लिया। खेजड़ली मेला परिसर में स्वर्ण आभूषणों से सजी धजी विश्नोई समाज की महिलाओं, युवतियों ने इस बार कोविड गाइडलाइन पालना के साथ भागीदारी निभाई और हवन में आहुतियां देकर गुरु जंभेश्वर भगवान से लोक मंगल की कामना की।
न समारोह हुआ, न दुकानें सजी
कोविड गाइडलाइन के तहत धार्मिक मेलों पर प्रतिबंध के चलते हर साल मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। हवन कुण्ड के पास नजर आने वाला हुजूम इस बार नहीं दिखा। मेला स्थल पर अस्थाई दुकानें भी नहीं सजी और न ही कोई समारोह हुआ।
पर्यावरण संरक्षण का संकल्प
खेजड़ली महंत शंकरदास व स्वामी अशोकानंद के सान्निध्य में गुरु जंभेश्वर के 120 शब्दों से हवन कुण्ड में आहुतियां देकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दोहराया गया। हवन के बाद अमर शहीद स्मारक पर अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा की ओर से ध्वजारोहण किया गया। मास्टर सुखराम गोदारा ने बताया कि खेजड़ली शहीदी राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान के अध्यक्ष मलखान सिंह विश्नोई के आदेशानुसार मेले में धार्मिक सम्मेलन व खुले मंच का आयोजन नहीं किया गया। ध्वजारोहण कार्यक्रम व हवन में नवनिर्वाचित उप जिला प्रमुख विक्रम सिंह विश्नोई, लूणी पंचायत समिति के उपप्रधान जोगाराम बूडिय़ा, लूणी पंचायत समिति के सदस्य सोहनलाल बूडिय़ा, सभा के राष्ट्रीय महासचिव मांगीलाल बूडिय़ा, श्रीराम सौऊ, जोधपुर जिलाध्यक्ष श्यामलाल बाबा, आपराम गोदारा, ओमप्रकाश लोल, बुद्धाराम गोदारा, रेस्क्यू सेंटर संचालक घेवरराम गोदारा आदि मौजूद रहे। विश्नोई टाइगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था की ओर से खेजड़ली स्मारक स्थल परिसर में उपाध्यक्ष रामनिवास धोरू के संयोजन में मेला परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया।
Source: Jodhpur