जोधपुर.भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी १९ सितम्बर को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाई जाएगी। इस दिन सौभाग्य की रक्षा, ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु का पूजन किया जाएगा। घरों एवं शहर में गणेश चतुर्थी को स्थापित प्रथम पूज्य भगवान गणेश की मिट्टी से निर्मित इॅको फ्रेण्डली प्रतिमाओं का इस बार कोविड गाइडलाइन के कारण घरों में जलकुण्ड बनाकर विसर्जन किया जाएगा। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कोविड गाइडलाइन पालना के साथ मनाए जा रहे गणपति उत्सव में छप्पन भोग एवं महाआरती के आयोजन शुक्रवार को भी जारी रहे। शास्त्रीनगर डी सेक्टर स्थित महाराष्ट्र समाज के भवन में इॅको फ्रेण्डली गणपति की आरती में समाज की महिलाओं व बच्चों ने कोविड गाइड लाइन पालना के साथ भाग लिया। इस बार अनंत चतुर्दशी को मंगल, बुध और सूर्य एक साथ कन्या राशि में विराजमान होने के कारण मंगल बुधादित्य योग बन रहा है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस विशेष योग में भगवान विष्णु की पूजा करने पर विशेष फल मिलता है। साथ ही भगवान गणेश का विसर्जन भी अनंत चतुर्दशी को होने से अनंत चतुर्दशी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। आमतौर पर गणेश विसर्जन के कारण अनंत चतुर्दशी को भगवान गणेश का दिन माना जाता है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखकर विष्णु को अनंत सूत्र बांधने से सारी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। अनंत चतुर्दशी को भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है।
अनंत चतुर्दशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी को पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6.07 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन 20 सितंबर को सुबह 5.30 बजे तक रहेगा। अनंत चतुर्दशी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 23 घंटे 22 मिनट तक रहेगी।
अनंत चतुर्दशी का पौराणिक महत्व
अनंत चतुर्दशी पर्व मनाने की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। ज्योतिष अनीष व्यास ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन ही भगवान विष्णु ने सृष्टि की शुरुआत में 14 लोकों तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुव:, स्व:, जन, तप, सत्य, मह का निर्माण किया था।
Source: Jodhpur