क्रूड ऑयल के दाम बढ़ते ही बाड़मेर बना फिर ज्येष्ठ कमाऊ पूत
रतन दवे
बाड़मेर पत्रिका.
बाड़मेर का तेल(क्रूड ऑयल) अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में दामों में आई तेजी के साथ एक बार फिर धार दिखाने लगा है और इस माह 80 डॉलर प्रति बैरल की कीमत ने बाड़मेर तेल से प्रतिदिन हो रहे 1.75 लाख बैरल तेल उत्पादन को उत्साहित कर दिया है। प्रदेश को जहां कोरोनाकाल में 8 करोड़ ही राजस्व मिल रहा था जो अब फिर से 13 करोड़ तक आ गया है। तेल की आय बढऩे से प्रदेश में आर्थिक फिक्र थोड़ी कम हुई है।
कोराना में वैश्विक मंदी का दौर क्रूड ऑयल पर भी पड़ा और अप्रेल 2020 में तेल की अंतरर्राष्ट्रीय कीमत 19.90 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई। तेल की कीमतों में यह सबसे बड़ी मंदी का दौर था। बाड़मेर में प्रतिदिन 1.75 लाख बैरल तेल का उत्पादन हो रहा था जिसे इस दौर में 1.60 लाख बैरल प्रतिदिन पर लाना पड़ा और यह चिंता बढ़ गई कि इतनी कम कीमत पर इसको जारी कैसे रखा जाएगा? राज्य का राजस्व भी 8 करोड़ प्रतिदिन आ गया जो 2009 से तेल उत्पादन के बाद सबसे कमजोर माना गया लेकिन कोराना की दूसरी लहर बाद लगातार तेल की कीमतों में वृद्धि हो रही है।
2021 ने बनाया उत्साह
जनवरी 2021 में क्रूड ऑयल का अंतरर्राष्ट्रीय दाम 54.79 डॉलर प्रति बैरल आ गया जो बढ़ते हुए अब 80 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया है। लगातार बढ़ रहे इन दामों को लेकर तेल विशेषज्ञ उत्साहित है।
100 डॉलर पहुंचा तो 5500 करोड़
वर्ष 2012 से 15 के बीच में तेल के अंतरर्राष्ट्रीय दाम 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए तो बाड़मेर में तेल का उत्पादन 2.25 लाख बैरल प्रतिदिन कर दिया गया था और बाड़मेर के तेल से 5500 करोड़ सालाना राज्य को राजस्व मिलने लगा था जो रिकार्ड था। तेल का दाम यों बढ़ते हुए आने वाले दिनों में 100 डॉलर का जादुई आंकड़ा छू गए तो यह राजस्व बढ़ जाएगा।
रिफाइनरी को ताकत मिलेगी
बाड़मेर में 43129 करोड़ की रिफाइनरी का निर्माण हो रहा है। यह कार्य 2022 तक पूर्ण करना है। लक्ष्य मुताबिक बाड़मेर से 5.5 लाख बैरल प्रतिदिन तेल इस रिफाइनरी को मिलना है। दामों में वृद्धि रही तो तेल कंपनी भी तेल उत्पादन को बढ़ाने में दिलचस्पी लेगी और यह लक्ष्य हासिल हो सकता है।
Source: Barmer News