बाड़मेर. सरपंच संघ बाड़मेर ने जिला कलक्टर लोकबंधु एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनु को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग जयपुर के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें प्रशासन गांवों के संग अभियान के बहिष्कार की चेतावनी दी। जिलाध्यक्ष हिन्दुसिंह तामलोर ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर 6 मार्च को हुए लिखित समझौते एवं मांग पत्र पर कार्रवाई नहीं होने से सरपंच संघ की ओर से प्रशासन गांवों के संग अभियान का बहिष्कार एवं पूर्ण असहयोग का निर्णय किया गया।
लिखित समझौतों पर पंचायत राज विभाग की ओर से छह माह तक कोई कार्यवाही नहीं करने से सरपंच संघ ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि 1 अक्टूबर को जिले के सरपंचों ने जिला कलक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उपखंड अधिकारी एवं विकास अधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत कर 2 अक्टूबर से आयोजित होने वाले प्रशासन गांव के संग अभियान का पूर्ण बहिष्कार व पूर्ण असहयोग करने की चेतावनी दी है। सरकार ने समझौते व मांग पत्र पर लिखित आदेश जारी नहीं किए गए तो 10 अक्टूबर से प्रदेश के सरपंच पंचायत समिति मुख्यालयों पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे।
उन्होंने बताया कि पंचायत राज को हस्तांतरित विभागों का नियंत्रण कर्मचारियों सहित ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित करने, पंचायतों में स्पष्ट निर्माण नीति, जल जीवन मिशन में मानव संसाधन के अभाव में इन योजनाओं के संचालन संधारण एवं विद्युत बिलों के भुगतान के लिए योजनाओं के निर्माण की कार्य की एजेंसी पीएचडी को ही अधिकृत करने, सरपंचों का मानदेय 15000 मासिक करने सहित विभिन्न मांगें सरकार से की गई जिस पर उचित कार्रवाई की मांग की जा रही है।
जिला संयोजक नींब सिंह उंडखा, कंवराराम सरपंच सेजूओं की बस्ती, दलपत सिंह विशाला, फोटा खान, हाथी सिंह, नग सिंह बान्द्रा, चीमाराम सरपंच बोला, नेहरूदास गेंहू, अलसाराम कुमावत, देवाराम कुडला प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
Source: Barmer News