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बाड़मेर. बाल प्रतिभाओं में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने की राष्टीय इंस्पायर अवार्ड बाड़मेर की प्रतिभाओं को रास आने लगी है। योजना के तहत बाड़मेर जिला पूरे देश में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है, अभी भी अंतिम तिथि १५ अक्टूबर दूर है। जरूरत है तो बस निजी विद्यालयों की निंद्रा टूटने की जिससे कि हर स्कू  ल से आवेदन हो सके और जिला देश में पहले स्थान पर रहे।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली एवं नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन गांधीनगर गुजरात की ओर से छठीं से दसवीं तक के स्कू  ली विद्यार्थियों (आयु १०-१५ वर्ष ) सृजनात्मक/नवाचारी सोच विकसित करने को लेकर इंसपायर अवार्ड मानक योजना का संचालन किया जा रहा है जिसमें देश भर से स्कू  ली विद्यार्थियों के एेसे श्रेष्ठ एवं मौलिक/सृजनात्मक विचारों को संबल प्रदान किया जाता है जो सामाजिक आवश्यकताओं व उपयोगिताओं की कसौटी पर खरे उतरते हैं। २०२१-२२ शिक्षा सत्र के लिए विद्यार्थियों के ऑनलाइन नॉमिनेशन १५ जुलाई से १५ अक्टूबर तक मांगे गए हैं, जिसमें बाड़मेर जिले ने देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। कुछ समय पहले तक चंद आवेदन करने वाले जिले में अब तक ६४०० आवेदन हो चुके हैं जबकि १५ अक्टूबर आवेदन की अंतिम तिथि है।

नहीं टूट रही निजी की निंद्रा वरना अव्वल- जिले में सात सौ से अधिक निजी विद्यालय है जिनके विद्यार्थी भी आवेदन कर सकते हैं। निजी विद्यालय प्रबंधन इस आेर ध्यान दे तो काफी आवेदन आ सकते हैं। गौरतलब है कि हर विद्यालय से पांच-पांच आवेदन का जिले में लक्ष्य तय किया गया है। जिले में सात सौ निजी विद्यालयों में से मुश्किल से तीस स्कू  ल ने ही इसमें रुचि ली है जिसके चलते जिला देश में अव्वल आने से वंचित है। सभी विद्यालय रुचि लेकर आवेदन करें तो बाड़मेर का नाम देश में इंसपायर अवार्ड आवेदन में पहले स्थान पर होगा।

सरकारी ने दिखाई रुचि, देश में बढ़ा मान- जिले के सरकारी विद्यालयों ने इंसपायर अवार्ड को लेकर रुचि दिखाई जिसके बाद बाड़मेर का मान देश में बढ़ गया है। जिले में १७१० सरकारी विद्यालय एेसे हैं जिसमें छठीं से दसवीं की कक्षाएं संचालित हो रही है, उनमें से १४१२ सरकारी स्कू  लों ने इंसपायर अवार्ड को लेकर आवेदन किए हैं। अब तक ६४०० आवेदन जमा हो चुके हैं। जिसके बाद जिला देश में तीसरे स्थान पर है।

यह मिलता इंसपायर अवार्ड का फायदा – ऑनलाइन आवेदन के बाद सृजनात्मक एवं मौलिक सोच वाले आइडिया में से विद्यार्थियों का चयन होता है। उनके मॉडल, प्रदर्शनी आदि को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दिखाने का मौका मिलता है तो दस हजार रुपए से लेकर पचास हजार रुपए तक की राशि भी प्रोत्साहन स्वरूप मिलती है। पिछले साल बाड़मेर जिले में ४३० विद्यार्थियों को इंसपायर अवार्ड मिल चुका है।

निजी विद्यालय दिखाए रुचि – निदेशालय ने मॉनिटरिंग को लेकर जिला नोडल अधिकारियों के मार्फत आवेदन करवाने की मुहिम शुरू की जिसके बाद जिले में आवेदन बढ़े हैं। अभी भी निजी विद्यालय रुचि लें तो जिला देश में अव्वल आ सकता है। वर्तमान में बाड़मेर जिला तीसरे स्थान पर है। – जेतमालसिंह राठौड़, एडीईओ माध्यमिक बाड़मेर

Source: Barmer News

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