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जोधपुर. जोधपुर शहर व जिलों के वनक्षेत्रों में दशकों बाद भी 8090 हेक्टेयर वनभूमि का म्यूटेशन अभी तक बाकी है। यही कारण है जोधपुर शहर के सात वनखंड में 55 बस्तियों आबाद हो चुकी है लेकिन वनविभाग व जिला प्रशासन वन क्षेत्रों के वैधानिक अस्तित्व को लगातार चुप्पी साधे है। शहर से सटी बेशकीमती वनभूमि पर बसी बस्तियों पर छोटा सा मकान लाखों में खरीद फरोख्त हो रहा है। अतिक्रमित वनभूमि का बाजार मूल्य 500 करोड़ से भी अधिक है। जोधपुर संभाग में भी वनभूमि पर भूमाफियों की गिद्ध नजर सफाए में जुटी है। खुद वनविभाग की माने तो जोधपुर संभाग की वनभूमि पर उसका मालिकाना हक कई जिलों में बाकी पड़ा है। इनमें मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में 33.95, पाली में 6.85, जालोर में 9.13, बाड़मेर में 2.65, जैसलमेर डीडीपी में 4.64, सिरोही में 4.39, जैसलमेर इगानप में 2.93 वनभूमि का म्यूटेशन बाकी पड़ा है। जेडीए के समानान्तर काम कर रहे भू माफियाओं ने वन भूमियों पर काबिज कराने के लिए तथाकथित जनप्रतिनिधियों के साथ सरकारी तंत्र पर दबाव बनाकर शहर की लाइफ लाईन माने जाने वाली वनभूमियों को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जोधपुर शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली पहाडिय़ां भी अब पूरी तरह नेस्तनाबूद की तैयारी है। राÓय सरकार भी नहीं करा सकती विकास कार्य उ”ाततम न्यायालय ने वन भूमियों पर अतिक्रमण तथा गैर वानिकी कार्य की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए 12 दिसम्बर 1996 को अपने फैसले में इन कृत्यों को गंभीर अपराध माना था। फैसले में न्यायालय ने कहा कि जब तक भारत सरकार वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत किसी भी वन भूमि पर गैर वानिकी कार्य के लिए भारत सरकार मंजूरी नहीं देती तब तक वहां कोई निर्माण नहीं हो सकता है। इसमें राÓय सरकार के विकास कार्य भी शामिल है।

जोधपुर में वन भूमि एक नजर में

कुल वन क्षेत्र-2&828.15 हेक्टेयर

राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज वन क्षेत्र-15392.27 हेक्टेयर

राजस्व रिकॉर्ड में वन विभाग के नाम से वंचित भूमि -8090.37 हेक्टेयर

जोधपुर संभाग में 31 मार्च 2021 को वनभूमि की स्थिति

वन मण्डल————कुल वनभूमि ————म्यूटेशनशुदा वन भूमि

जोधपुर ————–2&828.15—————15&92.27

पाली —————-&&90&.95—————-&1580.46

जालोर—————-51144.47 —————46474.20

बाड़मेर ————–58644.78 —————-57091.79

जैसलमेर डीडीपी ——19848.8&—————–18928.23

सिरोही—————-1&1&24.02—————125556.37

जैसलमेर इगानप——–&7228.98 —————-35904.29

कुल वनभूमि ———-&5592&.17—————-330928.08

संभाग के मुख्य वन संरक्षक का कहना हमने संभाग के सभी रेंजर्स को प्रशासन गांवों की ओर में वनभूमि के म्यूटेशन और अमलदरामद के निर्देश दिए है। हर माह जिला कलक्टरों को पत्र प्रेषित किए जा रहे है। प्रत्येक छह माह में संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टरों के साथ बैठक हो रही है उसके बावजूद वनभूमि के नाम अमल दरामद में बाधाएं आ रही है। पाली वनमंडल में जवाई बांध वनखण्ड के जवांई कंजर्वेशन में आने के कारण वनखण्ड वन्यजीव वनमंडल उदयपुर को हस्तांतरित किया गया है। हस्तांतरित किए जाने पर पाली वनमंडल के अमल दरामद शुदा क्षेत्रफल में 501.48 हेक्टेयर की कमी हुई है तथा रेंज सेंदडा के मौजा प्रतापगढ़ में विभाग को 5.5282 हेक्टेयर अमल दरामद शुदा भूमि प्रत्यावर्तन प्रस्तावों के एवज में नई प्राप्त हुई है । इस प्रकार वनमंडल के अमल दरामद शुदा क्षेत्रफल में 495.95 हेक्टेयर की कमी हुई है

– एसआरवी. मूर्थी, संभागीय मुख्य वन संरक्षक जोधपुर

Source: Jodhpur

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