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जोधपुर. अखंड सौभाग्य, सुख समृद्धि की कामना से जुड़ा करवा चौथ पर्व जोधपुर में रविवार को पारम्परिक हर्षोल्लास से मनाया गया। छलनी की ओट से चतुर्थी के चन्द्रमा को अपलक निहारा और मिट्टी के सुराहीनुमा पात्र कर्वा से चन्द्रमा को अग्र्य प्रदान कर पति के हाथों जल आचमण कर व्रत का पारणा किया। दिन भर निर्जल निराहार रही व्रती सुहागिनों के चेहरे रात करीब 9.15 बजे चन्द्रोदय के बाद खिल उठे। कोरोनाकाल में विवाह के बाद पहली बार करवा चौथ पर्व मनाने वाली नवविवाहित सुहागिनों में करवा चौथ व्रत के प्रति विशेष उत्साह रहा। व्रती सुहागिन महिलाओं ने व्रत पूरा करने के बाद घर-परिवार के बुजुर्गों के चरण छू कर अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लिया। इससे पूर्व सूर्यास्त के बाद सुहागिनों ने माता पार्वती का पूजन कर रात को चन्द्रोदय होने तक बुजुर्ग महिलाओं से करवा चौथ से जुड़ी पौराणिक कथाओं का श्रवण किया।

पंजाबी समाज में ‘सरगी की रस्म

पंजाबी समाज की महिलाओं ने करवा चौथ पर्व भोर के समय ‘सरगीÓ की रस्म से शुरुआत की। सूर्योदय से पूर्व सास के हाथों में फल मिष्ठान का सेवन किया। दिन भर निर्जल-निराहार रहने के बाद शाम को पारम्परिक परिधानों में शृंगार के बाद पूजन किया। चन्द्रोदय के बाद आटे से निर्मित दीप प्रज्ज्वलित कर अघ्र्य प्रदान किया। शक्तिनगर क्षेत्र में पंजाबी समाज की महिलाओं ने करवा चौथ व्रत पूजन सामूहिक रूप से किया गया। समाज की ममता बग्गा ने बताया कार्यक्रम में प्रीति रजत सेठी, संतोष, ममता, सलोनी, प्रेम, प्रियंका आदि महिलाओं ने मंगल गीत प्रस्तुत किए ।

Source: Jodhpur

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