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जोधपुर. राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग की ओर से जोधपुर के भूतेश्वर वन क्षेत्र सहित शहर के चारों तरफ वन खंडों में हो रहे अतिक्रमण को रोकने के आदेश के बावजूद अतिक्रमण की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। भूतेश्वर वन क्षेत्र में कब्जों के लिए अतिक्रमी अब पेड़ों की बलि देने लगने में जुट गए हैं। क्षेत्र में पेड़ों को हटाने के लिए आए दिन आगजनी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं लेकिन कोई उन पर अंकुश लगाने वाला नहीं है। क्षेत्र में पौधों की नियमित देखरेख करने वाले पर्यावरणप्रेमी कई बार आग को बुझा चुके हैं। भूतेश्वर वनखंड के बाईजी महाराज आश्रम क्षेत्र के आसपास पहाडिय़ों में संदिग्ध लोगों की ओर से आगजनी के साथ साथ हेरिटेज दीवार तक को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है।

पट्टे मिलने की उम्मीद में बढ़ रहे अतिक्रमण
शहरवासियों की लाइफ लाइन माने जाने वाली पहाडिय़ों और वनभूमि पर कोरोना महामारी जैसी आपदा में भी लोगों ने प्रशासन शहरों की ओर अभियान में पट्टे मिलने की उम्मीद में अंधाधुंध अतिक्रमण किए। यह क्रम वर्तमान में भी जारी है। पहाडिय़ों व वनभूमि में अतिक्रमण से पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। पहाड़ी पर बसे लोग अपने घरों का कचरा भी पहाड़ी क्षेत्र में डालने से मलबों के पहाड़ तैयार हो रहे हैं। कबीर नगर से सटे भैरवा भाखर, चांदणा भाखर वन खंड की पहाडिय़ां, विद्याशाला किला रोड की पहाडिय़ां, देवकुण्ड वन भूमि की पहाडिय़ां, भूतेश्वर वन क्षेत्र की पहाडिय़ां, मंडोर बेरीगंगा वन क्षेत्र की पहाडिय़ां, मंडोर मगजी की घाटी की पहाडिय़ों पर सीमेंट व कंक्रीट के जाल से समस्या विकराल होती जा रही है। प्रतापनगर श्मशान की पहाडिय़ां व कायलाना सूरसागर रोड पर गेंवा नाम से दर्ज पहाड़ी पर भी दिनों-दिन अतिक्रमण बढ़ते जा रहे हैं।

Source: Jodhpur

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