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जोधपुर। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) जोधपुर ने आखिर अगले साल क्लेट में प्रदेश के मूल निवासियों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है। एनएलयू जोधपुर ने अपनी स्थापना के 22 साल बाद प्रदेश के छात्र-छात्राओं के पक्ष में यह निर्णय किया है।
देश में 23 एनएलयू है। इसमें से केवल एनएलयू दिल्ली को छोडकऱ अन्य समस्त एनएलयू बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, रायपुर, गांधी नगर, लखनऊ, पंजाब, पटना, कोच्चि, उड़ीसा, रांची, असम, विशाखापट्टनम, तिरुचिरापल्ली, मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद, शिमला, जबलपुर और हरियाणा में वहां के मूल निवासियों को आरक्षण प्राप्त है।

आंख दिखाई तब मिला आरक्षण
राज्य सरकार ने मार्च 2018 में आरक्षण को विधानसभा में हरी झंडी दे दी थी। एनएलयू जोधपुर ने जांच कमेटी के नाम पर तीन साल तक आरक्षण को लटकाए रखा। एनएलयू जोधपुर की जस्टिस मंजू गोयल कमेटी ने इस साल अपनी रिपोर्ट में आरक्षण को सही नहीं माना, तब राज्य सरकार ने महाधिवक्ता की राय लेकर आरक्षण को सही ठहराया। इसके बाद एनएलयू ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा कि वे अगले साल होने वाली क्लेट में आरक्षण दे देंगे। हालांकि इसके लिए एनएलयू एक्ट में संशोधन करना पड़ेगा।

121 में से 30 सीटें होगी आरक्षित
एनएलयू जोधपुर में पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम में 104 सीटें भारतीय छात्र और 17 एनआरआई सीटें हैं। वर्तमान में अनुसूचित जाति के लिए 15 फ़ीसदी, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 फीसदी और दिव्यांग के लिए 5 फीसदी आरक्षण लागू है। मूल निवासियों के लिए पच्चीस फीसदी आरक्षण लागू करने पर संभवत: 30 सीटें आरक्षित की जाएगी।
इनका कहना है…

‘अगले साल होने वाली क्लेट से एनएलयू-जोधपुर प्रदेश के मूल निवासियों को 25 प्रतिशत आरक्षण देगा।’
नेहा गिरी, रजिस्ट्रार, एनएलयू जोधपुर

Source: Jodhpur

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