चंडीगढ़ पत्रिका.
पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री भले ही चरणजीतसिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया है लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष नवजोतसिंह सिद्धू सुपर पॉवर साबित होने लगे है। एडवोकेट जनरल को हटाने की मांग स्वीकार करवाने के बाद अब सिद्धू ने चुनावों की कमान को हाथ में लेने का ऐलान करते हुए कहा कि टिकट मांगने वालों की मैरिट बनेगी और वे खुद पीसीसी(प्रदेश कांगे्रस कमेटी) के दफ्तर में नियमित बैठकर टीम तैयार करेंगे। सिद्धू का सिक्का कभी भी चित्त और पट न हो जाए ऐसे में कांगे्रस भी सिद्धू को पालने के लल्ला की तरह दुलारे हुए है।
8 नवंबर को नवजोतसिंह सिद्धू ने एक पत्रकार वार्ता में खुले तौर पर कहा था कि एडवोकेट जनरल एपीएस देओल को हटाया जाए और इसके बाद सिद्धू के तेवर देखते हुए आलाकमान से विचार विमर्श बाद इसको स्वीकार कर दिया गया और डीजीपी की नियुक्ति के मामले में भी सिद्धू की बात मान ली गई। दोनों ही मांगे मनवाने के बाद सिद्धू ने अब ऐलान किया है कि वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में बैठकर चुनावी रणनीति तय करेंगे। विधायकों के टिकट में खुद की पूरी दखलअंदाजी को सिद्धू ने यह कहते हुए साफ किया है कि जिनकी मैरिट नहीं है उनको टिकट नहीं मिलेगा, यानि सिद्ध ने संकेत दिया है कि वे टिकट वितरण में भी खुद आगे होंगे।
सिद्धू को रखना जरूरी
कांग्रेस ने चरणजीतसिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर 32 फीसदी दलित वोटों को तेा पक्ष में कर लिया है लेकिन केप्टन अमरिंदरसिंह के जाने के बाद अब जाट सिख चेहरे में पकड़ रखने वाले सिद्धू ही है। केप्टन के जाने के बाद संक्रमण काल में फंसी कांगे्रस के लिए अब सिद्धू को रखना मजबूरी है और सुपर सीएम बनने की चाहत लिए सिद्धू अब अपनी बात मनवाने के लिए खुलकर समाने आ जाते है।
अमरिंदर-भाजपा के पत्ते कब खुलेंगे
केप्टन अमरिंदरसिंह और भाजपा के बीच में गठबंधन होने की चर्चाएं है लेकिन यह पत्ते अभी तक नहीं खुले है। केप्टन का अधिकांश समय दिल्ली में बीत रहा है और वे इन चुनावों में करो या मरो की स्थिति में है। नाक का सवाल लेकर चल रहे केप्टन बड़े स्तर पर दम झोंक रहे है।
केजरीवाल सिख चेहरे की बात कह चुके
आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल पंजाब में सिख चेहरा लाने की बात कह चुके है लेकिन अब वह चेहरा कौन होगा, यह खुलासा नहीं है। सांसद भगवंत मान और हरपाल चीमा दो चेहरे आम आदमी के पास है लेकिन ये सर्व लोकप्रिय नहीं माने जा रहे है। ऐसे में बस सिख चेहरे में केजरीवाल कौनसा दांव खेलने वाले है,यह इंतजार है। हालांकि इसमें हो रही देरी आम आदमी के लिए चुनौती को बड़ा कर रही है। पिछले ुचुनाव ने आम आदमी के पांव पंजाब में जमाए है।
Source: Barmer News