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पायलट के जहाज पर सवार होकर मंत्रिमण्डल तक आए हेमाराम
– बाड़मेर से हेमाराम चौधरी का नाम सबसे पहले
बाड़मेर पत्रिका.
कांग्रेस के कद्दावर नेता और गुड़ामालानी के विधायक हेमाराम चौधरी को गहलोत सरकार के मंत्रिमण्डल में शामिल किया गया है। सचिन पायलट के जहाज के कप्तान होने का तोहफा हेमाराम को मिला है। पायलट खेमे में रहकर खुलकर मुख्यमंत्री का विरोध करना, विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश, सरकार के सामने धरना देना और नाराज होकर लगातार जाहिर करना कि मैं नाराज हूं…हेमाराम को इस कार्यकाल में सर्वाधिक चर्चा में रखे रहा। सरकार बनने के पहले दिन से मंत्री नहीं बनाए जाने की वजह से खफा रहे हेमाराम को मंत्री बनाकर सरकार ने चुनावों से पहले संतुलन बनाने की ओर कदम बढ़ाया है।
सरकार बनते ही नाराज
विधानसभा चुनावों में अशोक गहलोत सरकार ने मंत्रिमण्डल की घोषणा की जिसमें कद्दावर और अनुभवी होने के बावजूद हेमाराम को शामिल नहीं किया गया। हेमाराम चौधरी इसी दिन से नाराज हो गए और उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी को भेज दिया था,लेकिन इसको न तो स्वीकार किया गया न ही सार्वजनिक।
खुलकर पायलट के साथ
हेमाराम चौधरी इसके बाद खुलकर सचिन पायलट के साथ आ गए। सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोला और दोनों तरफ से बाड़ेबंदी हुई तो हेमाराम पायलट के साथ में थे और उन्होंने खुलकर बयानबाजी करते हुए नेतृत्व बदलने की पैरवी की। हेमाराम ने ही सर्वाधिक बयान जारी किए।
हेमाराम ने इस्तीफा दे दिया
कोरोनाकाल के दौरान ही 18 मई 2020 को हेमाराम चौधरी ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेजकर एकबार फिर राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। चौधरी ने इस वक्त कहा कि मुख्यमंत्री को दुश्मनी निकालनी है तो मुझसे निकाले मेरे क्षेत्र की जनता से नहीं। मेरे काम नहीं हो रहे है,इसलिए मैने इस्तीफा दिया है।
धरने पर बैठे और फिर कुछ शांत हुए
इस्तीफा देने के दो दिन बार ही हेमाराम चौधरी गुड़ामालानी में तेल कंपनी के कार्यालय के आगे धरने पर बैठ गए। उन्होंने स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं देने का मामला उठाते हुए धरना दिया। इसके बाद उनसे समझाइश हुई। गुड़ामालानी क्षेत्र के कार्य स्वीकृत होने लगे तो हेमाराम कुछ शांत हुए।
परिचय:
हेमाराम चौधरी पुत्र मूलाराम चौधरी
जन्म- 18 जनवरी 1948
गांव- बायतु चिमनजी
शिक्षा-बीकॉम, एलएलबी
राजनीतिक जीवन
1978 में वार्ड पंच से हुई शुरूआत
1980,1985,1998,2003,2008 और 2018 में सात बार रहे है विधायक
2003 में परिवार कल्याण राज्यमंत्री
2008 में नेता प्रतिपक्ष भी बनाए गए
2008-2013 राजस्व मंत्री
पारीवारिक
– पत्नी भीखीदेवी छह बार से निर्विरोध सरपंच है
– इकलौते पुत्र विरेन्द्र का निधन हो गया है
– बेटी सुनिता चौधरी एडवोकेट है
– बाड़मेर के नेहरू नगर में निवास

Source: Barmer News

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