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दिलीप दवे बाड़मेर. नवाचार की पर्याप्त बन रही थार की धरा की नजर अब अंजीर उत्पादक के रूप में बनने की उम्मीद है। दो साल पहले अंजीर की शुरुआत हुई और अब १६० हैक्टेयर में पौधे लहलहा रहे हैं। प्रति हैक्टेयर कम से कम तीन लाख की आमदनी किसान को होने की आस पर धरतीपुत्र इसमें रुचि ले रहे हैं।

जैसे-जैस पौधे बढ़ेंगे वैसे-वैसे इसका उत्पादन भी बढ़ेगा जो लगभग प्रति पौधा तीस किलो तक पहुंच जाएगा जिसके बाद किसानों की आय और ज्यादा बढ़ जाएगी। अंजीर का पौधा पन्द्रह साल तक पैदावार देता है।

सीमावर्ती जिले के बाड़मेर अनार उत्पादन में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है तो खजूर से भी किसानों की किस्मत चम कर रही है। अब अंजीर भी किसानों की आय का बड़ा जरिया बनेगी, क्योंकि थार में अब किसान अंजीर के पौधे लगाने पर ध्यान दे रहे हैं। दो साल पहले बाड़मेर, चौहटन और गुड़ामालानी बेल्ट में तीन-चार किसानों ने अंजीर के पौधे लगाए और नवाचार शुरू किया। यहां के वातावरण में पौधे फलने-फूलने लगा तो अन्य किसान भी अंजीर के पौधे लगाने में रुचि दिखाने लगे। इस पर मात्र दो साल में ही १६० हैक्टेयर में अंजीर के पौधे लहलहाने लगे हैं। अब पूरे जिले के हर ब्लॉक में किसान अंजीर लगाने में रुचि दिखा रहे हैं।

प्रति हैक्टेयर ६२५ पौधे, हर पौधे से पांच किलो उपज- प्रति हैक्टेयर अंजीर के ६२५ पौधे लगते हैं। पौधा दो साल बाद फल देने लगता है। आरम्भिक एक-दो साल में प्रति पौधा पांच किलो उपज होती है।

इसके बाद पौधे पर तीस किलो तक अंजीर लगती है।

लाखों की होगी आय- जानकारी के अनुसार वर्तमान में अंजीर के स्थानीय बाजार में साठ से सौ रुपए किलों की दर से भाव मिल रहे हैं। एेसे में पांच किलो प्रति पौधे के हिसाब से एक हैक्टेयर में करीब तीस क्विंटल अंजीर होती है जिसके दाम तीन लाख तक आसानी से मिल जाते हैं। उत्पादन बढऩे पर यह आय भी उसी अनुरूप बढ़ेगी तो दाम भी गुणवत्ता के अनुसार बढ़ेंगे।

अंजीर को लेकर उत्साह- बाड़मेर के किसानों में अंजीर को लेकर उत्साह नजर आ रहा है। दो साल में ही १६० हैक्टेयर में अंजीर के पौधे लग चुके हैं। दो साल में पौधे फल देने लगते हैं। प्रति हैक्टेयर कम से कम तीन लाख रुपए की आय होने की उम्मीद रहेगी। थार में अंजीर भी आय का बड़ा जरिया बन सकती है।- डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र बाड़मेर

Source: Barmer News

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