बाड़मेर. मुनि सुमतिचन्द्रसागर, शीतलचन्द्रसागर के सानिध्य में उवसग्गहर आराधक के तत्वावधान में चातुर्मास हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ।
उपाध्यक्ष सुरेश बोहरा व पवन संखलेचा नमन ने बताया कि गुरुवार को मुनिवृंद का कृषि मंडी की ओर विहार हुआ। कार्यक्रम में मुनि सुमतिचंद्र सागर ने कहा कि धर्ममय जीवन से ही हर व्यक्ति का विकास संभव है। धर्म आराधना, प्रभु भक्ति सन्मार्ग की ओर ले जाते हैं।
उन्होंने बाड़मेरवासियों की सेवाभक्ति की अनुमोदना की। विदाई समारोह में बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, नगरपरिषद सभापति दिलीप माली, ढाणी जैन ट्रस्ट के अध्यक्ष केसरीमल पड़ाइया,एवं पाठशाला के शिक्षकों का श्रीसंघ की ओर से बहुमान किया गया।
मेवाराम जैन ने कहा कि मुनिवृंद के आने से तप, जप की गंगा बही। पाठशाला से बच्चों में सुसंस्कारो का निर्माण हुआ। दिलीप माली ने कहा कि चार माह में काफी धर्म आराधना हुई। स्वागत भाषण में अध्यक्ष रमेश छाजेड़ ने चातुर्मास में हुए समस्त कार्यकर्मो की संक्षिप्त में व्याख्या की। संरक्षक वीरचंद भंसाली अपना समर्पण व्यक्त किया। अनाज व्यापार संघ के अध्यक्ष हंसराज कोटडिया, मुकेश जैन एडवोकेट, गौतम चमन, सोनू वडेरा, राजुल सिंघवी, जगदीश पड़ाइया,मंजू सिंघवी ने विचार व्यक्त किए।
रवि सेठिया ने बताया कि विधायक मेवाराम जैन के नेतृत्व में श्री संघ की ओर से मुनि सुमतिचंद्र सागर को बाड़मेर रत्न की उपाधि दी गई। विदाई की वेला में पूरा प्रवचन मंडप भाव विभोर हो गया। मुनि को अगला चातुर्मास पुन: बाड़मेर करने की विनंती की। मंत्री विपुल बोहरा एवं कोषाध्यक्ष अमृतलाल सिंघवी ने बताया कि मुनिवृंद बाड़मेर से नाकोड़ा के लिए विहार करेंगे। संचालन पवन संखलेचा नमन ने किया।
Source: Barmer News