Water train – भीषण गर्मी के बीच पश्चिमी राजस्थान में पेयजल संकट और गहराता जा रहा है। इसी सप्ताह से जोधपुर से पाली ट्रेन के जरिये पानी भेजने की शुरुआत हो सकती है। यह सिलसिला मानसून के सक्रिय होने तक चलेगा। खास बात यह है कि यह दोनों शहरों के बीच पिछले दो दशक में सबसे लम्बी अवधि तक चलने वाली वाटर ट्रेन हो सकती है। इसके लिए जलदाय विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। एक-दो दिन में वाटर ट्रेन के रेक उपलब्ध हो जाएंगे। 14 तारीख के बाद कभी भी ट्रेन का पहला फेरा हो सकता है। 11 तारीख को भगत की कोठी स्टेशन पर Water train वाटर ट्रेन के रेक पहुंच सकते हैं। जोधपुर से पाली 40 वेगन की वाटर ट्रेन चलेगी। इस लिहाज से करीब 20 लाख लीटर पानी एक बार के फेरे में पाली भेजा जाएगा। एक फेरे का खर्च भी करीब चार लाख रुपए आएगा।
12 करोड होंगे मानसून तक खर्च
फिलहाल एक दिन में करीब दो वाटर ट्रेन Water train के फेरे होंगे। ऐसे में एक दिन का 8 लाख का खर्च होगा। इस माह यह खर्च कुल 1.2 करोड़ का होगा। इसके बाद अगले माह से वाटर ट्रेन के फेरे बढ़ जाएंगे। प्रतिदिन कम से कम चार फेरे होने पर 15 से 16 लाख रुपए खर्च होंगे और इस लिहाज से प्रति माह पांच करोड़ तक खर्च होंगे। प्री-मानसून तक भी यदि यह सप्लाई जारी रहती है तो कुल 10 से 12 करोड़ से अधिक पानी जोधपुर से पाली पानी पहुंचाने में ही खर्च हो जाएगी।
सबसे लम्बी अवधि होगी
15 अप्रेल से शुरू होने वाली जलापूर्ति मानसून आगमन तक जारी कर सकती है। ऐसे में अनुमान है कि जून माह के अंत तक या जरूरत पड़ी तो जुलाई के 15 दिन भी पानी की सप्लाई की जा सकती है। ऐसे में करीब ढाई से तीन माह तक लगातार Water train वाटर ट्रेन से पानी ले जाने की सबसे लम्बी अवधि होगी।
तीन साल पुरानी प्रक्रिया ही अपनाई जाएगी
वाटर ट्रेन Water train चलाने के लिए 2019 में जो प्रक्रिया अपनाई गई थी, इस बार भी कुछ वैसा ही होगा। कायलाना-तख्तसागर से ग्रेविटी के जरिये पानी न्यू पावर हाउस में बने पानी के हौद तक आएगा। यहां से पम्प कर भगत की कोठी के डीजल शेड मार्ग के समीप बने वाटर ट्रेन की रेक तक पहुंचाया जाएगा। यहां लगे हाइडेंट से वाटर ट्रेन भरी जाएगी।
मोटर व हौद की मरम्मत
मोटर व हौद की मरम्मत को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता विनोद भारती ने बताया कि इसी सप्ताह Water train ट्रेन का पहला फेरा होगा। जोधपुर और पाली दोनों जगह तैयारियां अंतिम रूप में पहुंच गई है।
Source: Jodhpur