स्टोरी : अविनाश केवलिया/फोटोज : एसके मुन्ना/जोधपुर. शहर के सबसे पुराने और हेरिटेज मार्केट में शुमार घंटाघर की स्थिति सुधारने के लिए तमाम दिशा-निर्देश व प्रयास के बावजूद हालात खस्ता है। रात को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए चलने वाला अभियान दिन में बेअसर का दिखाई पड़ता है। हाथ ठेला चालकों के व्यापार करने के लिए जो सीमा तय कर रखी थी उससे आगे तक रास्ते पर सामान पड़ा है। ऐसे में पर्यटक सीजन में घंटाघर की बुरी छाप पड़ती है।
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नगर निगम ने न्यायालय के निर्देश पर रात के समय अतिक्रमण मुक्त करने और सामान हटा कर साफ करने के लिए प्रयास शुरू किए हैं। लगातार 10 दिन तक कार्रवाई करने का रोडमैप भी तैयार किया है। पुलिस से अतिरिक्त जाप्ते की मांग भी की है। लेकिन खास बात यह है कि रात की इस सख्ती के बाद दिन में शिथिलता ही नजर आती है। कई हाथ ठेला चालक दुकानों के बाहर बनाई गई वेंडर लाइन के बाहर भी व्यापार करते दिख रहे हैं। इससे रास्ता भी जाम हो रहा है। हालांकि यातायात पुलिस ने एकतरफा मार्ग कर रखा है। फिर भी यहां दिन में जाम की स्थिति बनी रहती है।
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जो भी सामान दिखा वह जप्त
नगर निगम ने रात के समय घंटाघर क्षेत्र को साफ करने के लिए अभियान चलाया है। इसके तहत उन्होंने रात को दुकानों के बाहर किसी भी प्रकार का सामान पड़ा होने पर जप्त करने की कार्रवाई की। इससे हालात यह हुए रात 9-10 बजे के बाद घंटाघर खुला और साफ नजर आने लगा।
न्यायालय की लगातार फटकार
यहां हेरिटेज लुक को खतरे में डालने के साथ अतिक्रमण कर जमे वेंडर के लिए अलग से स्थान चिह्नित करने के लिए तीन साल पहले सर्वे हुआ। लेकिन इसके बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब कुछ दिन पहले निगम ने वेंडर्स के लिए नया जोन चिह्नित किया है। यह जानकारी नगर निगम ने न्यायालय में दी है। उच्च न्यायालय भी समय-समय पर घंटाघर के सौंदर्य को बचाने के लिए चिंता जता चुका है।
Source: Jodhpur