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फेक्ट फाइल
40 करोड़ हुए खर्च
100 करोड़ की स्वीकृति
1.50 लाख आबादी है जुड़ी हुई
10 साल से झेल रहे समस्या
पत्रिका अभियान- मेरा शहर, मेरी जिम्मेवारी
बाड़मेर
शहर के सीवरेज सिस्टम का जिक्र आते ही जगह-जगह चॉक हो रखे नाले-नालियां, सड़कों पर बहता गंदा पानी, नगरपरिषद की मीटिंग में इस मुद्दे पर आपस में उलझते पार्षद, सिर खुजाते अधिकारी, एक के एक बाद वादे करते नेता और अंत में सिस्टम को फेल मानकर हताश हो चुके लोगों की तस्वीर खुद-ब-खुद हमारे जेहन उभर आती है। फिर सभी का एक ही राग..सीवरेज सिस्टम सुधर जाए तो शहर का हुलिया ही बदल जाए।
नगरपरिषद क्षेत्र बाड़मेर में 55 वार्ड है। इनमें से एक भी वार्ड सीवरेज के आदर्श मापदण्डों पर खरा नहीं उतरता। सीवरेज के आदर्श मापदण्ड कहते है कि घर में रसोई से लेकर स्नानघर व शौचालय तक का उपभोग में लिया गया पानी व वेस्ट घर के आगे बनी नालियों में नहीं जाना चाहिए। इनका जुड़ाव घरों के बाहर गली में सीवरेज के छोटे टैंक तक सुर क्षित रूप से होना चाहिए। वहीं ये छोटे टैंक छोटी लाइन से होते हुए अंत में ट्रंक लाइन से जुड़े होने चाहिए। ट्रंक लाइन का जुड़ाव सीवरेज प्लाण्ट तक होना चाहिए। नालियों व बड़े नालों में केवल बरसाती पानी या किसी वजह से सड़क पर पसरने वाला पानी बहना चाहिए। कमोबेश बाड़मेर शहर में ऐसा अभी तक नहीं हो पाया है और यही वजह है कि पूरा शहर सीवरेज के संकट से जूझ रहा है।
40 करोड़ रुपए हुए बर्बाद
सीवरेज समस्या के स्थायी समाधान के लिए आरयूआईडीपी ने दस वर्ष पहले करीब चालीस करोड़ रुपए खर्च किए। उस समय नगरपरिषद बाड़मेर में 40 वार्ड थे। इतना रुपया खर्च करने के बाद इस एजेन्सी ने शहर के कई वार्डों में गलियों में बने छोटे टैंक को घरों से नहीं जोड़ा, छोटी लाइन से नहीं जोड़ा, छोटी लाइनों को ट्रंक लाइन से नहीं जोड़ा। जिन वार्डों में जोड़ा गया, वह भी आधा अधूरा। काम की गुणवत्ता का तो बिल्कुल ही ध्यान नहीं रखा गया। नतीजा यह हुआ कि 40 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी शहर बदहाल ही रहा।
आज यह है शहर की हालत
शहर के 70 फीसदी से अधिक क्षेत्र में नाले व नालियां चॉक रहने की समस्या है। इससे आम जनता के साथ-साथ सफाई कर्मंचारियों की हालत भी बुरी है। जिला कलक्टर के आवास के पास सफाई कर्मंचारियों को वर्षं में चार बार नाले में उतरना पड़ता है। गांधीनगर व शास्त्रीनगर में तो आए दिन यह हालत रहती है। गल्र्सं कॉलेज, हाई स्कूल रोड, अहिंसा सक्रिल और इन दिनों में सेवा सदन के आगे सफाईकर्मीं सीवरेज सिस्टम खामियों से जूझ रहे हैं। इसका नतीजा पूरा शहर गंदगी व अशुद्ध हवा के रूप में भुगत रहा है।
अब 100 करोड़ की नई उम्मीद
शहर के सीवरेज सिस्टम को सुधारने को एक बार फिर नए सिरे से विस्तृत परियोजना रिपोर्टं बनी है, जिसके तहत राज्य सरकार ने बाड़मेर शहर के लिए 100 करोड़ रुपए की बजट घोषणा की है। यह बजट जारी होते ही एक बार फिर बाड़मेर शहर के सीवरेज सिस्टम को सुधारने का प्रयास होगा।
एक्सपर्ट व्यू
स्वीकृति मिलते ही काम
सीवरेज के लिए 100 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा हो गई है। राशि की स्वीकृति जारी होते ही काम करवाएंगे और शहर को सीवरेज की समस्या से राहत दिलाएंगे। -मेवाराम जैन, विधायक बाड़मेर

Source: Barmer News

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