पत्रिका अभियान- मेरा शहर मेरी जिम्मेवारी
बाड़मेर पत्रिका.
शहर का शहीद चौराहा(सिणधरी चौराहा) वो इलाका है जो अब शहर के मुख्य चौराहों में शामिल हो गया है। यहां से लेकर जैसलमेर रोड़ तक का जो दर्द है वो दूर नहीं होने से हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तीन चार विभागों की एक साथ सीमा टकराने का खामियाजा शहर के लोग भुगत रहे है।
सर्किल की सुध नहीं
शहीद चौराहा यहां का मुख्य है। शहीदों की याद में बने इस सर्किल को एक कोने में लाया गया है,इसके बाद से इसके आगे गंदगी का ढेर खत्म होता है न ही टूटी सड़की की समस्या। शहीदों को लेकर कार्यक्रम आयोजित करने वाली संस्थाएं इसकी सुध नहीं ले तो सालभर तक भी इसकी सफाई को तरस जाए। इस चौराहे को रंगीन लाइट और व्यवस्थित रोशनी के साथ ही सौंदर्यकरण का हिस्सा बनाया जाए तो इस शहीद सर्किल को हर कोई सैल्यूट करता नजर आए लेकिन यहां दो-पांच लाख के खर्च को लेकर बरती जा रही कंजूसी गरीमामयी माहौल को खत्म कर रही है।
पुल पर हरियाली का इंतजार
दिल्ली सहित बड़े शहरों में अब शहर के बीचो-बीच बने ओवरब्रिज पर हरियाली के लिए पौधों की कतारें लगा दी है और जहां पर ओवरब्रिज के नीचे जगह है वहां पर हरियाली है या फिर पार्किंग का जोन। इतना व्यवस्थित नजर आता है कि शहर में आने वालों को भी सकून हों,लेकिन बाड़मेर के इन ओवरब्रिज के नीचे गंदगी का आलम है और खाली जमीन का सदुपयोग नहीं हो रहा है।
सांकड़ी गली और अतिक्रमण की भरमार
पुल के सहारे-सहारे जैसलमेर रोड़ की ओर और दूसरी तरफ कृषि मण्डी की ओर दो सड़क है। इन सड़कों की हालत खस्ता है। न तो इनकी मरम्मत हो रही है और गड्ढे तो इतने है कि सड़क कम और गड्ढे ज्यादा। इस पर इस सांकड़ी गलीनुमा सड़क पर अतिक्रमियों की भरमार है। दुकानदारी चलाने वालों ने दस-दस फीट जगह रोक ली है। वाहनों का चलना मुश्किल हो जाता है और इसको रोकने वाला कोई नहीं।
अतिक्रमण की बाढ़ चौराहा
सिणधरी चौराहे पर यातायात पुलिस की घुमटी है लेकिन पुलिसकर्मी यहां यातायात नियंत्रण करते नजर नहीं आते है। यहां पर अतिक्रमियों ने ऐसा घेर रखा है जैसे उनका किसी का खौफ नहीं। बार- बार रास्ता जाम हो जाता है और लोग परेशान नजर आते है।
सिणधरी रोड़ न लाइट न जगह
आगे सिणधरी रोड़ का हाइवे है, जहां पर दो किलोमीटर दूर तक रोड़ पर लाइट होनी चाहिए लेकिन यहां न तो नगरपरिषद इंतजाम कर रही है और न ही नेशनल हाइवे। रात में यहां वाहन चलाना मुश्किल ही नहीं दुर्घटना का सबब बन रहा है। हाइवे पर यहां पौधे लगाने थे लेकिन ठेकेदर ने सीमेंट भरकर छोड़ दिया है और इस सड़क पर अतिक्रमण तो कदम कदम पर है।
Source: Barmer News