जोधपुर।
जोधपुर से विभिन्न देशों में करीब 1500 करोड़ के शीशम की लकड़ी के उत्पादों के निर्यात को बड़ा झटका लग सकता है। अन्तरराष्ट्रीय संस्था कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एनडेंजर्ड ऑफ वाइल्ड फाउना एंड फ्लोरा (साइटस) कुछ देशों के सुझाव पर शीशम प्रजाति की लकड़ी व इसके उत्पादों का भारत सहित विश्व से पूरी तरह बैन करने की तैयारी है । 14 से 25 नवम्बर तक पनामा में साइटस के 19वें अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में शीशम प्रजाति की लकड़ी को पूरी तरह प्रतिबंधित करने पर निर्णय हो सकता है। इससे प्रदेश से करीब 2500 करोड़ के शीशम से बने हैण्क्राफ्ट उत्पादों का निर्यात प्रभावित हो सकता है। साइटस के भारत सहित 184 देश सदस्य है।
साइटस ने वर्तमान में शीशम को अपेन्डिक्स- 2 में रखा है, जिसके तहत कोई देश रिजर्वेशन फाइल करके शीशम का निर्यात कर सकता है। साइटस अब शीशम की पूरी प्रजाति को अपेन्डिक्स-1 की श्रेणी में लेने पर विचार कर रहा है, इससे इस लकडी के व्यवसायिक गतिविधि पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जाएगा।
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शीशम भारत में विलुप्त प्रजाति नहीं
फ्रांस के लियोन शहर में 7 से 11 मार्च तक आयोजित साइटस की स्टेण्डिंग कमेटी की 74वीं मीटिंग में भारत ने शीशम पर लगे बैन का विरोध किया था। केन्द्र सरकार के प्रतिनिधिमण्डल ने शीशम को देश में रोजगार का बडा जरिया बताते हुए शीशम से रोक हटाने की मांग रखी है । केन्द्र सरकार की ओर से देश में शीशम वास्तविक स्थिति की नॉन डेटि्रमेंटल फाइंडिग रिपोर्ट साईटस को भेजी जा चुकी है । इस रिपोर्ट को केन्द्र सरकार के अधीन बोटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने बनाया है। इस रिपोर्ट के अनुसार शीशम की लकडी भारत में विलुप्त होती प्रजाति नहीं है व भारत में यह खतरे से बाहर है । इस लकडी के पेडों की भारत के कई राज्यो में खेती की जा रही है व वन क्षेत्र में भी यह लकडी सुरक्षित है ।
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2016 में लगा प्रतिबंध
साईटस की सितम्बर 2016 में जोहान्सबर्ग में हुई मीटिंग में शीशम लकडी की पूरी प्रजाति को खतरे में मान कर इसके व्यवसायिक गतिविधि पर रोक लगा दी थी । बाद में भारत ने रिजर्वेशन फाइल कर शीशम के निर्यात के लिए साईटस परमिट के साथ अनुमति ले ली थी ।
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शेखावत से लगाई गुहार
साइटस की रोक के कारण शीशम से बने हैण्डीक्राफ्ट फनी्रचर के निर्यात में करीब 30 प्रतिशत की गिरावट आई है । केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत, इपीसीएच व वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के साझा सहयोग से शीशम पर रोक हटाने का प्रयास कर रहे है । केन्द्रीय मंत्री शेखावत को अन्य देशों के साथ लॉबिंग करवाने में मदद के लिए गुहार लगाई है ।
डॉ भरत दिनेश, अध्यक्ष
जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन
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प्रयास कर रहे
शीशम पर पूरी तरह प्रतिबंध हटाने के लिए केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय सहित अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर प्रयास कर रहे है।
राकेशकुमार, महानिदेशक
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फोर हैण्डीक्राफ्ट्स
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Source: Jodhpur